पटना-
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर भाजपा के विरुद्ध राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष की एकजुटता पर जोर दिया। बिहार में महागठबंधन की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि अगर राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह का महागठबंधन होता है तो वह सफल होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बड़ी पार्टी है, उसे राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष को एकजुट करने की पहल करनी चाहिए।
ये बातें नीतीश कुमार ने सोमवार को सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में लोक संवाद कार्यक्रम के बाद कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी एकजुटता को ले उन्होंने वामदलों से भी बातचीत की है।
मुख्यमंत्री ने पांच राज्यों के हाल ही में आए चुनाव परिणाम और खास तौर पर यूपी के चुनाव परिणाम पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि यूपी में अगर विपक्ष एकजुट होता तो चुनाव परिणाम कुछ और आता। वहां बसपा और सपा के वोटों को मिला दें तो भाजपा को आए मत उससे बहुत अधिक नहीं हैं। अवैध बूचडख़ाने बंद किए जाने के सवाल पर नीतीश ने इसे बकवास बताया। कहा, अवैध बूचडख़ाने देश में नहीं के बराबर हैं। 1955 से ही इस बारे में कानून बना है। अगर अवैध बूचडख़ाने के विषय में सूचना मिलती है तो उसपर कार्रवाई होती है।
नीतीश कुमार ने कहा कि असल में पूरे देश में वास्तविक मुद्दों पर चर्चा नहीं हो रही। बेवजह के ऐसे मुद्दे उठाए जा रहे हैैं कि लोग फंसे रहें। उन्होंने सवाल किया कि रोजगार सृजन, काला धन और फिर किसानों की कर्जमाफी पर क्यों नहीं संवाद होता? यह कृषि का संकट है कि आज जाट, पाटीदार और मराठा आदि आरक्षण की मांग कर रहे हैैं, जबकि इन्हें संपन्न कृषक समूह माना जाता था।
नीतीश कुमार ने पूछा कि इंफ्रास्ट्रक्चर की वर्तमान स्थिति पर क्यों नहीं बात हो रही है? राजनेताओं को जनहित और राष्ट्रहित के मुद्दे उठाने चाहिए।राजनीतिक पार्टियों द्वारा ईवीएम की जांच की मांग के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर तो पहले से ही डिबेट चल रही है। अगर किसी को कोई आशंका है तो उसका समाधान कर दिया जाना चाहिए।
Comments are closed.