नई दिल्ली। रांची-टाटा हाइवे एनएच-33 पर शीघ्र तेज़ी से काम शुरू होगा. इसे साल भर के भीतर पूरा कर लिया जायेगा. केन्द्र सरकार ग़ैरज़िम्मेदार ठेकेदार को हटाकर ख़ुद की निगरानी मे सड़क निर्माण करायेगी. यह जानकारी खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने आज नई दिल्ली से दूरभाष पर दी.
श्री राय ने बताया कि काम दो चरण में होगा. पहले चरण में बीती बरसात के दौरान सड़क का जो हिस्सा गाड़ियों के चलने लायक नही रह गया है, उसकी मरम्मत होगी. यह काम 2017 के अंत तक हो जायेगा. अगले दिसम्बर तक जमशेदपुर से रांची तक पूरी सड़क को गाड़ियों के चलने लायक यानी मोटरेबुल बना दिया जायेगा. ताकि यात्रियों को होनेवाली असुविधा दूर हो जाय.
मंत्री ने कहा कि दूसरे चरण मेंं पुल-पुलिया एवं फोरलेन मज़बूत सड़क का काम मानक के हिसाब से होगा. यह काम 2018 मेंं पूरा हो जायेगा. भारत सरकार के पथ परिवहन मंत्रालय के निदेश पर नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ़ इंडिया ने सड़क निर्माण पर ठेकेदार द्वारा आधा-अधूरा किये गये काम का हिसाब कर लिया है. इसके मुताबिक़ क़रीब आधा काम ही अभी तक हुआ है.
श्री राय के मुताबिक एनएचएआई ने उन बैंकों से भी हिसाब कर लिया है, जिन्होंने ठेकेदार कम्पनी मधुकॉन को एनएच-33 के निर्माण के लिये क़र्ज़ दिया है. बैंकों को बता दिया गया है कि अब अपना पैसा लगाकर सरकार ख़ुद काम करायेगी. अपनी लागत को टॉल लगाकर पहले वसूलेगी. उसके बाद बैंकों के क़र्ज़ की अदायगी होगी. क़र्ज़ देनेवाले बैंकों ने यह शर्त मान लिया है. इस प्रकार एनएच-33 के निर्माण की बाधा दूर हो गयी है.
श्री राय ने बताया कि आज दिल्ली में एनएचआई, परिवहन मंत्रालय एवं परिवहन मंत्री कोषांग के ज़िम्मेदार शीर्ष पदस्थ अधिकारियों से वार्ता के दौरान यह जानकारी मिली. यह केंद्रीय परिवहन मंत्री श्री नितिन गड़करी द्वारा एनच-33 का निर्माण पूरा करने में व्यक्तिगत रुचि लेने के कारण हुआ है. इसके लिए श्री राय ने उन्हें बधाई देते हुए आभार व्यक्त किया है.
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