
जमशेदपुर के टाटा मुख्य अस्पताल (टी एम् एच ) में कांट्रेक्टर कर्मचारियों को कैंटीन की सुविधा नहीं मिलती है..टाटा स्टील द्वारा संचालित टाटा मेन हॉस्पिटल में टाटा के नियमित कर्मचारियों के साथ विभिन्न कामो के लिए ठेका कर्मचारी भी अच्छी संख्या में कार्यरत हैं लेकिन उन कर्मचारियों को अस्पताल के भीतर स्थित कैंटीन की सुविधा का लाभ नही मिलता है.ऐसी स्थिति में कर्मचारी या तो घर से टिफ़िन लेकर आये या बाहर जा कर खाना खाये.सामान्य स्थिति में तो ठीक है लेकिन ओवरटाइम ड्यूटी में कई बार कर्मचारियों को भूखा रहकर ड्यूटी करना पड़ता है.एमर्जेंसी(आपातकाल) ड्यूटी में कार्यरत कर्मचारी तो ड्यूटी स्थल से कहीं नहीं हट सकते क्योकि पता नहीं कब उस कर्मचारी की जरुरत पड़ जाये ,ऐसे में कई बार उन्हें भूखे ही कार्य करना पड़ता है.

कर्मचारियों ने अस्पताल प्रबंधन से कैंटीन सुविधा देने का अनुरोध भी किया था जिसे उच्च प्रबंधन ने स्वीकार भी कर लिया था परन्तु कुछ कनिष्ट अधिकारियों ने उच्च पदाधिकारियों को गलत तरीके से समझा कर आपातकाल ड्यूटी में पदस्थापित कर्मचारियों की कैंटीन सुविधा भी बंद करा दी.आपातकाल ड्यूटी में कार्यरत एक ठेका कर्मचारी ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि कंपनी प्रबधन कैंटीन की सुविधा नहीं देते वही दूसरी तरफ ठेकेदार कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश नहीं देते हैं.साथ ही कंपनी ने ठेकेदार को नया रेट दिया है लेकिन कर्मचारियों को नए वेतन का लाभ नहीं मिल रहा.. इस सन्दर्भ में टाटा अस्पताल के महाप्रबधक् से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गयी परन्तु वे उपलब्ध नहीं हो सके.
इधर सूत्रों से मालूम हुआ कि क्वालिटी में सुधार के नाम पर कैंटीन के सामानों की कीमत बढ़ा दी गयी है ,हालाँकि क्वालिटी वही पहले जैसी ही है.
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