टाटा सबलीज मामले को लेकर लंबे समय से उठापटक चल रही है. पूर्व में स्टेट गवर्नमेंट द्वारा सबलीज की जमीन पर किसी भी तरह के कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन बाद में कुछ मामलों में कंस्ट्रक्शन व अन्य कार्यों के लिए सशर्त परमीशन दी गई थी. इसके बाद मामले में कई गड़बडिय़ां उजागर हुई. अब इस मामले की जांच के लिए एक कमिटी बनायी गई है. ट्यूजडे को कमिटी ने लोगों से मामले में लिखित मंतव्य लिया और उसकी जांच की. इस दौरान कोल्हान कमिश्नर के अलावा डीसी व एडीसी सहित अन्य एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिशियल्स प्रेजेंट थे.

कई प्वाइंट्स में मिली गलती
ट्यूजडे को पूछताछ व हुई जांच में कई प्वाइंट्स को गलत पाया गया है. इस मामले में सभी से लिखित लिया गया है. अब इसपर रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजी जाएगी. इसके बाद मामले में आगे की कार्रवाई होगी. जांच में यह बात सामने आयी कि कंपनी ने सब लीज अलॉटमेंट में शिड्यूल आफ लैंड का वायोलेशन किया है. जानकारी के मुताबिक शेड्यूल ई की जमीन को सब लीज किया जाना था, लेकिन कंपनी द्वारा शिड्यूल ए, बी, सी व डी की जमीन भी अलॉट कर दी गई है. इसके अलावा गवर्नमेंट द्वारा सब लीज के स्वीकृत आदेश में लिखा गया है कि सब लीजी को तीन महीने में रजिस्टर्ड एग्र्रीमेंट कर लेना है, लेकिन किसी ने ऐसा नहीं किया. इसके अलावा कई अन्य मामलों में भी गलती उजागर हुई है.