जमशेदपुर।
विश्व जल दिवस पर “पर्यावरण पहल” के द्वारा “जल है तो कल है” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया । जिसमें अपने विचार रखते हुए पर्यावरण पहल के संयोजक श्री मनोज कुमार सिंह ने कहा कि पृथ्वी पर मानव के उपयोग के लिए बहुत कम है। 2.5 प्रतिशत जल हीं उपयोग के लिए है इसमें भी 66.7प्रतिशत जल ग्लेशियर में है । मानव के उपयोग हेतु 1.25 प्रतिशत में मानव और जीव जन्तु के लिए है। बाकी 97.5 प्रतिशत जल तो समुद्र में है।
यानी यह संकट बहुत ज्यादा है आज उसे समझने कि आवश्कता है।
इसके समाधान हेतू हम प्रकृति से जितना लेते हैं उतना वापस करना होगा तब हीं संभव हो पायेगा। लेकिन दुनियां में अति उपभोग वादी दृष्टी के तहत हम वह काम नहीं कर पा रहे, और भारत के लोग भी विकास की नई गाथा लिखने के लिए हमनें प्रकृति द्वारा दिये गये उपहारों को बर्बाद करने लगे। इसके अनेक उदाहरण देकर लोगों को जल के महत्व उसके संरक्षण के उपाय भी बताये। संगोष्ठी में अपनी बात रखते हुए डा. के के शर्मा ने भी जल का संरक्षण के उपाय बतलाये और आने वाले संकट की और इशारा किया।
इस अवसर पर राकेश पांडे ने भी अपने विचार रखे। प्रमुख रुप से बंदे शंकर सिंह , सुबोध श्रीवास्तव, अमित मिश्र, मुरलीधर वर्णवाल, कौशल किशोर, रामेश्वर प्रसाद, प्रवीण सिंह, हरे राम ओझा, सीमा कुमार, राजपति देवी, रीता लाल, मधुलिका मेहता, अभय सिंह, आकाश शाह, सुरेंद्र सिंह, सत्यनारायण मिश्र, संजीत प्रमाणिक, रौशन सिंह, गुरप्रित सिंह, रविशंकर मिश्र, सहित अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे।
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