
जमशेदपुर।
राज्य में शराब की बिक्री अभी कारपोरेशन के माध्यम से नियंत्रित की जाएगी। धीरे-धीरे आम लोंगों को जागरूक करते हुए सामाजिक जन सहभागिता के माध्यम से हम राज्य को पूर्ण शराबबंदी की ओर ले जाएंगे। ये बातें मुखयमंत्री रघुवर दास ने जमशेदपुर में पत्रकारो के द्वारा शराब के मामले में पूछे गए सवाल के जबाब में कहा । इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि शराबबंदी एक समाजिक मुद्दा है। मुख्यमंत्री आज पूर्वी सिंहभूम अवस्थित परिसदन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे।
टाटा स्टील स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लिए पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम को देगी 15-15 करोड़

उन्होंने कहा कि सी. एस. आर. के तहत मिलने वाली 1 प्रतिशत राशि में से टाटा स्टील द्वारा 15 -15 करोड़ रुपये की राशि पश्चिमी सिंहभूम एवं पूर्वी सिंहभूम जिला को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत प्रति वर्ष उपलब्ध करायी जाएगी। इस राशि का उपयोग जिला में ओडीएफ के तहत किया जाएगा। साथ ही टाटा मोटर्स द्वारा पूर्वी सिंहभूम के 45 गांवों को ओडीफ बनाने का कार्य कियार जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था को गुणवत्तापूर्ण बनाने के साथ-साथ युवक एवं युवतियों में कौशल विकास का कार्य भी किया जाएगा। युवाओं को हुनरमंद बनाकर मुद्रा योजना के तहत् लोन उपलब्ध कराकर उन्हें स्वरोजगार हेतु तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आगामी जुलाई माह तक विभिन्न विभागों में 45 हजार भर्तियां की जाएंगी जिसमें शिक्षक, पुलिस इत्यादि जैसी नियुक्तियां शामिल हैं। साथ ही आदिम जनजाति महिला एवं पुरुष बटालियन का गठन किया गया है जिसमें केवल आदिवासी युवक एवं युवतियों की सीधी नियुक्ति की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यमी सखी मंडल का गठन किया जा रहा है, जिसके तहत महिलाओं का शशक्तीकरण किया जाएगा और आगे आनेवाले समय में इन्हें आर्थिक रुप से स्वावलम्बी बनाने का कार्य किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री दास ने मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के विषय पर बोलते हुए कहा कि कि राज्य के चहंुमुखी विकास के लिए हर क्षेत्र में निवेश की आवश्यकता है। सरकार द्वारा खासकर लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिससे कि दूर-दराज के क्षेत्रों तक विकास का कार्य पहंुचे और राज्य में व्यापक स्तर पर रोजगार का सृजन हो सके और राज्य में गरीबों को भी रोजगार और आजीविका का साधन प्राप्त हो। इसके लिए सरकार द्वारा विभिन्न कम्पनियों से क्रय न कर राज्य के लोंगों को ही प्रशिक्षण देकर यहीं उत्पादन एवं निवेश को आकर्षित किया जा रहा है। राज्य को आर्थिक रुप से सम्पन्न बनाना और समृद्ध राज्यों की सूची में शामिल करने के लिए सरकार पूरी प्रतिवद्धता के साथ प्रयासरत है।
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