जमशेदपुर।
मॉ दुर्गा की पूजा में भोग (प्रसाद )काफी महत्व है। दुर्गा पूजा के पंडालो में सप्तमी से ही पूजा के उपरांत भोग का वितरण शुरु हो जाता है। प्रसाद मे खिचड़ी , खीड़ और सब्जी में खाने के लिए श्रद्धालुओ की कतारे लगा जाती है। लेकिन जमशेदपुर के उत्कल एसोसिएशऩ मे दिया जाने वाला प्रसाद कुछ अलग ही तरह का होता है। इस प्रसाद को खाने के लिएलोग लोग दुर से आते है। यही नही इस प्रसाद को लेने के लिए लोग एक सप्ताह पहले ही कुपन ले लेते है। यहा पर प्रसाद के रुप में कर्निका दिया जाता है।कर्निका को पलाव जैसे ही होता है। कर्निका के साथ साग, सब्जी. भाजा, चटनी, मिठाई , पिठा और खीड़ दिया जाता है।पूजा कमेटी के द्रारा इसकी पैंकिग का ख्याल रखा जाता है ताकि प्रसाद ले जाने वाले लोगो को कठिनाईयो का सामना न करना पड़े।
यहां प्रसाद का मांग इतनी रहती है कि इस बार पूजा प्रबंधन कमेटी को पद्रह सौ लोगो के लिए प्रसाद की व्यवस्था करना पड़ा।पिछले साल यहां पर 1100 सौ प्रसाद के पैकेट बनाए गए थे। बाद में कई लोगो को नही मिल पाया था। इसलिए कमेटी ने प्रसाद के पैकेट को बढा दिया।
Comments are closed.