जमशेदपुर।आज एआईएसएम जर्नलिस्ट वैलफेयर ऐसोसिएशन के बिहार झारखंड प्रभारी और “झारखंड ऑब्जर्वर” के संपादक प्रीतम सिंह भाटिया पर कदमा थाने में दर्ज झूठे मुकदमे को लेकर ऐसोसिएशन के पदाधिकारी जमशेदपुर सिटी एसपी सुभाषचंद्र जाट से मिले.इस मामले में प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रीतम सिंह भाटिया के कदमा आवास के सोसायटी मीटिंग में आपराधिक चरित्र की महिला प्रेमलता और उसके साथी श्रीनिवास उर्फ सीनू द्वारा प्रीतम भाटिया एवं सोसायटी की अन्य महिला सदस्यों के साथ मारपीट किए जाने की सूचना ऐसोसिएशन को मिली थी.जिसकी जानकारी ऐसोसिएशन ने सभी संबंधित वरीय पुलिस पदाधिकारियों को भी स्वंय फोन कर दी थी.इसके बाद कदमा थाना की पुलिस ने दोनों आरोपियों में से श्रीनिवास उर्फ सीनू नामक व्यक्ति को तो जेल भेज ही दिया जबकि मुख्य अभियुक्त प्रेमलता देवी उर्फ प्रेमलता अग्रवाल को अगले दिन सुबह में ही छोड़ दिया गया. इतना ही नहीं उल्टे प्रेमलता अग्रवाल को ही शिकायतकर्ता बनाते हुए सिर्फ और सिर्फ प्रीतम सिंह भाटिया पर ही छेड़खानी का केस किया गया है,जिसका थाना कांड संख्या-244/19 है.इस मामले में एसोसिएशन ने ज्ञापन सौंपकर कहा है कि क्या कोई व्यक्ति पूरे भरे समाज की बैठक में किसी के साथ छेड़खानी कर सकता है? प्रीतम सिंह भाटिया जिनकी छवि एक समाजसेवी और एक आंदोलनकारी पत्रकार नेता की है और जो हमारे ऐसोसिएशन के जिम्मेदार पद पर बैठे हुए हैं.ऐसोसिएशन के प्रदेश महासचिव सुनील पांडेय ने कहा कि इस मामले में पुलिस ने इतनी जल्दबाजी करते हुए केस किया है कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रीतम सिंह भाटिया को पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर आरोपी बनाया गया है.इतना ही नहीं मामले में थाना प्रभारी और अन्य पुलिस पदाधिकारी भी देर रात सभी महिलाओं से घटनास्थल पर जाकर पूछताछ किए,जहाँ हमारे पत्रकार साथी भी पहुँच चुके थे.सोसायटी के सभी महिला पुरुष उस आरोपी महिला के आतंक से परेशान थे जिसकी जानकारी उन्होंने लिखित रूप से दी है और सभी ने हस्ताक्षरयुक्त पत्र सोसाइटी के लेटरपैड पर दिया है.इस पत्र के आलोक में पुलिस को छानबीन करनी चाहिए कि एक भी व्यक्ति प्रीतम सिंह भाटिया के खिलाफ अगर कोई सबूत पेश कर दे तब ही मामला दर्ज होना चाहिए था.दूसरी बात एसोसिएशन को पता चला है कि महिला का घर ऊपर है जबकि घटनास्थल प्रीतम सिंह भाटिया के घर के सामने बताया गया है घटनास्थल पर महिला खुद क्यों गई?प्रीतम सिंह भाटिया पर उस महिला ने पहले भी एक केस कर रखा और उस समय भी सोसायटी में अतिक्रमण करने का प्रीतम भाटिया ने बतौर सोसायटी अध्यक्ष विरोध किया था.उस महिला की पृष्ठभूमि अपराधिक है और वह चोरी के आरोप में 2005 में साक्ची थाने से सपरिवार जेल जा चुकी है.इतना ही नहीं उसका पति संतोष अग्रवाल उर्फ डब्बू सेठ तीन तीन हत्या के आरोप में जेल में बंद है,उसे उम्रकैद हो चुकी है.उसका देवर निमाही अग्रवाल उर्फ गिचू सेठ आर्म्स एक्ट में सजायाफ्ता है और हाल ही में एक भाजपा नेता की हत्या की साजिश में जेल में बंद था.उसका एक देवर संजय सेठ क्रिकेट का सट्टा खेलवाने में कई बार बिष्टुपुर,कदमा और सोनारी थाने से आरोपी रहा है.इतना ही नहीं प्रेमलता अग्रवाल उर्फ प्रेमलता देवी और उसके सबसे छोटे देवर नरेंद्र अग्रवाल और उसके परिवार की अन्य महिलाओं पर भी कुछ ही महिने पहले कदमा बाजार के कोयला टाल की जमीन कब्जाने को लेकर मारपीट का मामला दर्ज हुआ है.कोल्हान प्रभारी अमित मिश्रा ने कहा कि इस पूरे मामले की जानकारी होने पर ऐसोसिएशन को ऐसा लग रहा है कि प्रीतम भाटिया के खिलाफ सुनियोजित साजिश की गई है.ऐसोसिएशन की ओर से ज्ञापन सौंपने वालों में कोल्हान प्रभारी अमित मिश्रा,अध्यक्ष शंकर गुप्ता,वरिष्ठ पत्रकार अनिरूद्ध महतो,विद्या शर्मा,मधुरेश वाजपेयी,अभिजीत सेन,कलिमुद्दीन,राजा पाठक,जमशेदपुर शहरी जिला सचिव मोहम्मद जाहिद सहित अन्य पत्रकार भी शामिल थे,सभी ने प्रेमलता अग्रवाल को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने और प्रीतम भाटिया पर लगे झूठे मामले को जाँचकर निरस्त करने की मांग की है.
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