जमशेदपुर-जहां रामलला है, जहां राम का जन्म स्थान है वहीं राम मंदिर बनना चाहिए- डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी

जमशेदपुर ।
देश में एक प्रखर वक्ता के रुप में अपनी पहचान बनानेवाले भाजपा सांसद डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि भगवान श्रीराम जहां जन्म लिये, मंदिर भी वहीं बनेगा. मस्जिद को नमाज पढऩे का एक सुविधाजनक स्थान मात्र है, और नमाज कहीं भी पढ़ा जा सकता है, लेकिन रामलला का मंदिर एक ही जगह बन सकता है. लोग अपने घरों के ड्राइंग रुम में या सडक़ों पर भी नमाज पढ़ सकते हैं. वे आज संस्था ‘नमन’ द्वारा आयोजित एग्रिको ट्रांसपोर्ट मैदान में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिये शहर आये हुए थे तथा सोनारी हवाई अड्डा में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उक्त स्थान पर शहीद सम्मान सह अखंड तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया.
श्री स्वामी ने कहा कि रामजन्मभूमि को लेकर अगर कोई शंका किसी को थी, तो यह इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी दूर कर दी. न्यायालय के आदेश पर ऑर्कोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया ने कई आधुनिक यंत्रों का प्रयोग कर जांच की तथा वर्ष 2003 में ही रिपोर्ट सौंप दी कि बाबरी मस्जिद का ढांचा जहां खड़ा है, उसके नीचे आज भी एक मंदिर विद्यमान है और मंदिर को तोडक़र जबरन एक मस्जिद बनाया गया था.
डा. स्वामी ने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई भी मुस्लिम देश नहीं है, जहां सडक़ या अपार्टमेंट बनाने के लिये मस्जिदों को नहीं तोड़ा जाता या हटाया नहीं जाता. और तो और सऊदी अरबिया में तो उस मस्जिद तक तो तोड़ा गया, जिसे पैगम्बर मोहम्मद के कहने पर बनाया गया था. उन्होंने साफ कहा कि मुसलमान समुदाय को यह मान लेना चाहिये कि वे मस्जिद कहीं भी बना लें, लेकिन मंदिर को वहीं बनेंगे.
जिन्होंने मस्जिदें तोड़ीं, उनका क्या?
सोनारी एयरपोर्ट पर पत्रकारों के एक सवाल पर स्वामी ने कहा कि गुरु नानकजी जब वहां आये थे, उन्होंने भी कहा था कि अयोध्या में श्रीराम का मंदिर था. जिन लोगों ने मस्जिद को तोड़ा उन पर केस चल रहाी है, लेकिन जिन्होंने हजारों मंदिरों को तोडक़र मस्जिदें बनाईं, उनका क्या? मुगल शासकों ने देश में लगभग 40 हजार मंदिरें तोड़ी, जिसमें से हमें सिर्फ तीन मंदिर चाहिये, अयोध्या, मथुरा तथा काशी विश्वनाथ. वैसे हमने वर्ष 2024 तक का लक्ष्य तय किया है. उस समय तक जमीन मुक्त होने के साथ-साथ कृष्ण मंदिर तथा काशी विश्वनाथ मंदिर को भी मुक्त करा लिया जाएगा.
पहले भी हो चुकी हैं कई बैठकें

भाजपा सांसद ने कहा कि राम मंदिर मामले में अब द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी. पहले भी इस मुद्दे पर कई बार अनौपचारिक बैठकें हो चुकी है. अब सुप्रीम कोर्ट खुद मध्यस्थता करने के लिए तैयार है. हमने इस मामले में ओवैसी और जफरयाब जिलानी से भी बात की है. मुस्लिमों से अपील है कि वे एकता, शांति और भाईचारे का प्रस्ताव मान लें और रामलला का मंदिर बनाने में सहयोग करें. हम भी उन्हें सरयू नदी के उसपार मस्जिद बनाने में मदद करेंगे.
उग्रवादी कहेंगे कि पैसा खा लिया
उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोगों से बातचीत जारी है. सुप्रीम कोर्ट से निर्णय आने के पूर्व भी बातचीत की थी, लेकिन वे चाहते हैं कि इसका निर्णय सुप्रीम कोर्ट से ही तो बेहतर है. बर्ना उग्रवादी संगठन कहेंगे कि वे स्वामी से पैसा लेकर उसके साथ समझौता कर लिये. वैसे भी आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठन नहीं चाहते कि इस संबंध में किसी भी तरह का कोई समझौता हो.
यूपी में ‘वीर’ का शासन, अब चमकेगा राज्य
स्वामी ने कहा कि जनता ने केन्द्र में एक ‘शेर’ को बिठाने के बाद यूपी की बागडोर योगी जैसे ‘वीर’ को सौंपा गया है. अब यह राज्य चमकेगा तथा लोगों का सही मायने में विकास होगा.
तीन तलाक गलत
स्वामी ने कहा तीन तलाक गलत है. संविधान की धारा 14 के तहत मुस्लिम महिलाओं और पुरुषों को समान अधिकार मिले हैं.
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