जमशेदपुर-उत्क्रमित मध्य विद्यालय, टांगराईन में तीन स्कूलों का विलय

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जमशेदपुर। पोटका स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय, टांगराईन में आज विलय हुए तीन स्कूलों के पाँच शिक्षकों, बच्चों एवं रसोइया का ग्रामीणों ने स्वागत किया। विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों ने माला पहनाकर शिक्षकों का स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व जिला परिषद सदस्य एवं समाजसेवी करुणामय मंडल उपस्थित थे।

विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि विद्यालय में शिक्षकों की कमी दूर हुई है। इसलिए, हम सभी विलय का स्वागत करते हैं, लेकिन यदि युक्तिकरण के नाम पर शिक्षकों को हटाया गया तो इससे विद्यालय की शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आएगी। ऐसी स्थिति में इस क्षेत्र के ग्रामीण उग्र आंदोलन करेंगे। ग्रामीणों ने इस संबंध में पूर्व जिला परिषद सदस्य करुणामय मंडल के नेतृत्व में 9 मई को उपायुक्त को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया।

इस अवसर पर ग्रामीणों को संबोधित करते हुए करूणामय मंडल ने कहा कि शिक्षक ही असली समाज सुधारक हैं। राजनेताओं से उम्मीद खत्म हो गयी है। शिक्षक यदि ईमानदारी के कार्य करें तो समाज में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है। उन्होंने टांगराईन विद्यालय की प्रशंसा करते हुए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के प्रधानाध्यापक अरविंद तिवारी कर रहे थे। कार्यक्रम को प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सुराई मांझी, उज्ज्वल मंडल, मंगला मांझी, सीतारानी, ग्राम प्रधान मंगल पान, शंकरदा विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सोमेन भकत, उप मुखिया प्रतिनिधि विस्सा महापात्र आदि ने संबोधित किया। धन्यवाद ज्ञापन सीआरपी विद्याधर मंडल ने किया।

बाल संसद के पदाधिकारियों ने शपथ ग्रहण की
इस अवसर पर नवनिर्वाचित बाल संसद के प्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति विमल सरदार एवं प्रधानमंत्री पानो मांझी के नेतृत्व में शपथ ली। प्रतिनिधियों को विद्यालय के प्रधानाध्यापक अरविंद तिवारी ने शपथ दिलायी

लोक संगीत एवं नाटक की नियमित कक्षाएँ शुरू

विद्यालय के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए लोक संगीत एवं नाटक की नियमित कक्षा आज से शुरू हुई। रंगकर्मी गौतम गोप ने बच्चों को लोक संगीत एवं नाटक के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 3 जून से 7 जून तक समर कैंप में इसकी सघन कक्षाएँ होंगी।

विलय के बाद नये शिक्षक
उत्क्रमित मध्य विद्यालय, टांगराईन में तीन स्कूलों के विलय के बाद पाँच नये शिक्षकों ने योगदान दिया हैं, जिनमें संजीत घोष, राजेंद्र सिंह मुंडा, बालेश्वर सरदार, दशमत सोरेन, निरंजन सरदार शामिल हैं। जोजोडीह के एक शिक्षक ने योगदान नहीं दिया है। मालूम हो कि विद्यालय की वर्तमान छात्र संख्या 222 है। शिक्षकों की संख्या भी बढ़कर अब दस हो गयी है।

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