मेक इन इंडिया योजना की कामयाबी में ऊर्जा की भूमीका अहमः प्रो0 सिंह
जमशेदपुर।
मौजुदा केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘‘मेक इन इंडिया‘‘ को साकार करने के लिए अनिवार्य तत्वों में से एक है – उर्जा की पर्याप्त उपलब्धता । उर्जा की विभिन्न किस्मों में विघुत उर्जा एक महत्वपूर्ण इकाई है । अतएव, बिजली के उत्पादन एवं संरक्षण के उपायों पर ज्यादा से ज्यादा कार्य करना समय की मांग हैं । एन आई टी जमशेदपुर के प्रो. अरुण कुमार सिंह ने आज यह बात कही। उन्होंने स्थानिय आर वी एस काॅलेज आॅॅफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलाॅजी में इलेक्ट्रीकल एण्ड इलेक्ट्राॅनिक्स इंजीनियरिंग (ई ई ई) विभाग द्वारा गैर परम्परागत उर्जा, पावर सिस्टम एवं एम्बेडेड सिस्टम पर आयोजित एक कार्यशाला का उद्घाटन करतें हुए उक्त विचार छात्रों के समक्ष रखे । बी. टेक (ई ई ई) के फाइनल ईयर के छात्रों द्वारा आयोजित उक्त दो दिवसीय प्रस्तुति – सह – कार्यशाला को संबोधित करते हुए आर वी एस काॅलेज के निदेशक प्रो. (डाॅ.) एम पी सिंह ने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्रों के समकक्ष खड़ा करने की जरुरत शिद्धत से महसूस करने वाले पूर्व राष्ट्रपति स्व. डाॅ. कलाम को संस्थान उक्त कार्यशाला समर्पित कर रहा है। ई ई ई विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. पारस नाथ ने कहा कि उक्त कार्यशाला में बी. टेक फाइनल ईयर के छात्रों द्वारा मौलिक रुप से तैयार किये गये बीस प्रोजेक्टस की प्रदर्शनी एवं वर्किंग दिखायी जायेगी। कार्यशाला के पहले दिन सात प्रोजेक्टस के सिद्धांतो एवं कार्यविधि की चर्चा की गयी । सर्वप्रथम सुमित कुमार, जावेद अख्तर, चंदन एवं अरविंद के ग्रुप ने सौर उर्जा की मदद से स्वचालित सिंचाई योजना की रुप – रेखा सामने रखी जिसमें सेंसर की मदद से पौधे के पास की मिट्टी में नमी का पता लगाकर माइक्रो कंट्रोलर को सिग्नल (संदेश) भेजने की व्यवस्था है। माइक्रो कंट्रोलर उपकरण को मिले सिग्नल के आधार पर वाटर पंप स्वतः चालू हो जायेगा और पौधे को जरूरत के हिसाब से पानी मुहैया करायेगा। प्रो0 पुष्पांजलि विष्ट के निर्देशन में शिवरत, पंकज सिंह, अयाजुल हक एवं मो0 बादशाह ने राजमार्गों पर पवन चक्की लगाकर बिजली उत्पादन करने की तकनीक का माॅडल दिखाया। राजमार्गों पर औसत साठ कि0 मी0 प्रति घंटे रफ्तार से आते-जाते भारी वाहनों के चलते तेज गति से बहने वाली हवा वहाँ खड़ी पवन चक्कियों को घुमायेगी और प्रकारांत से टर्बाइन भी घूमेंगे जिससे बिजली पैदा की जा सकेगी। प्रो0 मनमीत के निर्देशन में अनूप रंजन, अशीष उपाध्याय, दीपक सिंह एवं अंजन ने सोलर सेल की मदद से स्ट्रीट लाइट जलाने का प्रोजेक्ट दिखाया। गोपीनाथ प्रमाणिक, संजय मुण्डा, अभिषेक एवं अर्चना महतो ने ग्रीन पावर पर निर्भर गाँव नामक प्रोजेक्ट में बिजली एवं ईंधन की जरूरत के लिए ऊर्जा उत्पादन को कार्यात्वित करके दिखाया। बिपिन बिहारी हेम्ब्रम एवं मो0 अदुद ने काॅलेज कैंटीन के लिए विकसित सौर बŸाी का माॅडल दिखाया। प्रो0 राहुल के निर्देशन में जयंत सुमन, मुकेश महतो एवं भूपेन्द्र नाथ पाण्डे ने पावर सिस्टम की स्थित्रता को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए मैट लैब के जरिये किये गये अध्ययन पर प्रकाश डाला।
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