चेन्नइयन की सफलता के लिए जरूरी है जेजे की फॉर्म

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चेन्नई। हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के पिछले सीजन में जो टीम अंकतालिका में नीचे से दूसरे स्थान पर रही थी उसके लिए इस सीजन में प्लेऑफ में जगह बनाना काबिले तारीफ है वो भी तब जब सीजन पहले से ज्यादा लंबा हो गया है और इसमें टीमें भी पहले से ज्यादा हैं।

चेन्नइयन का इस सीजन के सेमीफाइनल में जगह बनाना बताता है कि टीम ने इस सीजन में चीजों को बदला है और अपने आप को इस सीजन की शीर्ष टीमों में शामिल किया है। चेन्नइयन जानती है कि उसके लिए यहां से सफर और भी मुश्किल हो गया है साथ ही उसे एक चीज और ध्यान रखनी होगी कि अगर उसे दूसरी बार खिताब जीतना है तो उसके स्टार स्ट्राइकर जेजे लालेपेखुल्वा का फॉर्म बेहद जरूरी है।

जेजे इस सीजन में इकलौते ऐसे भारतीय खिलाड़ी थे जिन्हें सीजन के शुरुआत में स्टार स्ट्राइकर के रूप में उतारा गया था, हालांकि जेजे का अभी तक का सीजन मिला-जुला रहा है।

पहली तीन मैचों में उन्होंने गोल नहीं किए और इसके बाद अगले नौ मैचों में अपनी टीम के लिए सात गोल दागे, लेकिन इसके बाद वह फिर गोल करने के लिए संघर्ष करते दिखे और अगले पांच मैचों में एक भी गोल नहीं कर पाए।

सेमीफाइनल के लिए पहले ही क्वालीफाई करने के बाद जेजे को मुंबई सिटी एफसी के खिलाफ आराम दिया गया था। उनके साथ सात अन्य खिलाड़ियों को भी आराम दिया गया था, लेकिन जब सेमीफाइनल में चेन्नइयन का सामना अपने चिर प्रतिद्वंदी एफसी गोवा से होगा तो जेजे पर काफी दारोमदार होगा।

प्रशंसकों को उम्मीद होगी की उनका स्टार स्ट्राइकर सही समय पर अपनी फॉर्म में वापसी करेगा और बड़े मौके पर टीम के लिए अहम गोल दागेगा।

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जेजे ने पहले कहा था, “इस सीजन, सिर्फ चेन्नइयन एफसी ऐसी टीम है जो भारतीय खिलाड़ी के तौर पर स्टार स्ट्राइकर के तौर पर उतर रही है। मेरे सामने गोल करने और टीम की मदद करने की चुनौती है क्योंकि दूसरी टीमों के पास विदेशी स्ट्राइकर हैं जो गोल कर रहे हैं। ”

मिजोरम का यह स्ट्राइकर 2014 से टीम के साथ है। इस दौरान इस खिलाड़ी ने अपने आप में काफी सुधार किया है और साथ ही राष्ट्रीय टीम के लिए भी पहली प्राथमिकता वाले खिलाड़ी बने हैं। चेन्नइयन ने जब 1.3 करोड़ रुपये में जेजे को रिटेन किया तो इस पर किसी को हैरानी नहीं हुई थी।

पिछले तीनों सीजनों में जेजे अपनी टीम के सबसे ज्यादा गोल करने वाले भारतीय खिलाड़ी रहे थे। उन्होंने 2014 में चार, 2015 में छह और 2016 में तीन गोल किए थे। रोचक बात यह है कि वह कभी भी किसी भी सीजन में अपनी टीम के शीर्ष स्कोरर नहीं रहे। उन्होंने मुख्यतः सहयोगी स्ट्राइकर की जिम्मेदारी निभाई थी और इलानो ब्लूमर, स्टीवन मेंडोजा और डुडु ओमागबेमी के रहते हुए वह कभी भी मुख्य धारे में नहीं थे।

राष्ट्रीय टीम में भी सुनिल छेत्री के कंधों पर गोल करने की जिम्मेदारी रहती है और जेजे इस काम में उनका साथ देते हैं।

लेकिन 2017-18 सीजन में टीम के कोच जॉन ग्रेगोरी ने जेजे को गोल करने की जिम्मेदारी दी और उन्हें टीम का मुख्य स्ट्राइकर बनाया। अगर ईमानदारी से कहा जाए तो उन्होंने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया और अभी तक सात गोल कर चुके हैं। यह उनका आईएसएल में व्यक्तिगत तौर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है। मुख्य स्ट्राइकर के तौर पर खेलने के प्रयास में उन्होंने अपने खेल में भी बदलाव किया है।

गोवा के खिलाफ सेमीफाइनल का मैच करीब है, ऐसे में टीम के कोच ग्रेगोरी और टीम को उम्मीद होगी की जेजे टीम के लिए अहम मैच में फॉर्म में वापसी करें और गोल दागें। अतीत में, चाहे वह इंडियन एरोज, डेम्पो स्पोर्टस और मोहन बागान के लिए खेले हों, उन्होंने साबित किया है कि उनमें गोल करने की क्षमता है। अब उन्हें अकेले की दम पर टीम का नेतृत्व करना होगा।

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