चाईबासा।
पश्चिम सिंहभूम जिला अंतर्गत नोआमुंडी प्रखंड के बड़ाजामदा गांव में आज टाटा स्टील और शंकर नेत्रालय द्वारा आयोजित निःशुल्क मोतियाबिंद शिविर समाप्त हो गया। यह शिविर बड़ाजामदा के सेंट्रल हाॅस्पीटल में 20 मार्च से आरंभ हुआ था।
शिविर में ईलाज के लिए 481 लोगों ने पंजीकरण कराया था। इनमें 104 लोगों के मोतियाबिंद का ईलाज किया गया। 24 से 28 मार्च तक ईलाज किये गये मामलों का आॅपरेशन किया गया। आॅपरेशन के लिए कुल 91 लोग पहुंचे।
मोतियाबिंद से पीड़ित लोगों को सर्वश्रेष्ठ ईलाज मुहैया कराने के लिए बड़ाजामदा में 24 सदस्यों वाली एक मेडिकल टीम को नियोजित किया गया था। श्री पंकज सतीजा, जीएम, ओएमक्यू, टाटा स्टील ने मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। शिविर में शंकर नेत्रालय के डाॅ. विभूति नारायण व डाॅ. विमल, बड़ाजामदा के कल्याण पदाधिकारी श्री बसंत कंडुला, सेंट्रल हाॅस्पीटल के डाॅ. दीपक कुमार तथा जिला परिषद के सदस्य श्री शंभु हाजरा समेत टीएसआरडीएस के अधिकारी आदि मौजूद थे।
इस पहल के बारे में बोलते हुए श्री सतीजा ने कहा, ’’समुदाय के लिए स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना हमारी एक प्रमुख प्राथमिकता है। इन शिविरों के माध्यम से हम सुनिश्चित करते हैं कि हमारे परिचालन क्षेत्र और आसपास अवस्थित लोगों के जीवन की गुणवत्ता उन्नत हो।’’
इस शिविर का मुख्य आयोजन दूर-दराज के गांवों में मोतियाबिंद से ग्रसित बुजुर्ग ग्रामीणों तक मेडिकल सेवाएं पहुंचाना है। मरीजों की आंखों की जांच और आॅपरेशन की सुविधा पूरी तरह से निःशुल्क मोबाइल आई सर्जिकल यूनिट (मेसू) द्वारा उपलब्ध करायी गयी। शंकर नेत्रालय, चेन्नई ने आईआईटी, मद्रास के सहयोग से अत्याधुनिक मेसू को विकसित किया है। तामिलनाडु में सफलता के बाद शंकर नेत्रालय ने टाटा ट्रस्ट के साथ झारखंड में इस परियोजना का विस्तार किया है। इसमें टाटा स्टील द्वारा लाॅजिस्टिक एवं ग्राउंड सपोर्ट प्रदान की जाती है। झारखंड के मुख्यमंत्री ने 31 जुलाई, 2016 को जमशेदपुर में मेसू की राज्य इकाई का उद्घाटन किया था।
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