
वरीय संवाददाता,जमशेदपुर,1 अप्रेल
टाटा स्टील फिलहाल सरायकेला मे लगनेवाले ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट पर ध्यान नही दे रही हैं। कम्पनी का पुरा ध्यान फिलहाल ओङिसा मे लगनेवाले प्रोजेक्ट में है ये बाते टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक टी वी नरेन्द्र ने संवाददाता सम्मेलन में कही…य़े सम्मेलन नए वित्तीय वर्ष के शुरु होने पर किया गया था ,इससे पुर्व श्री नरेन्द्रन ने टाटा के अगले वित्तीय वर्ष के बारे में जानकारी दी ।एयर पोर्ट के सवाल के जबाब मे एम डी ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से झारखंड में पांच नए एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव है। टाटा स्टील ने एक नया एयरपोर्ट बनाने के लिए आदित्यपुर में जमीन अधिग्रहण किया है लेकिन कुछ भूमि पर अब तक बात नहीं बन सकी है। दूसरा विकल्प चाकुलिया में रखा गया है।
नरेन्द्रन ने कहा कि शहर कंपनी मे सुरक्षा के प्रति प्रबधन काफी गंभीर है वर्ष 2013 के नवंबर महीने में एलडी गैस होल्डर में हुए हादसे के बाद सुरक्षा को लेकर ऑडिट किया गया है। विशेषज्ञों की मदद से ऐसे उपाय किए जा रहे हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। साथ ही शहरवासियों से अपेक्षा की गई है कि विषम परिस्थितियों में अफवाह से दूर रहें। सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है।
– भुमी अघिग्रहण के सवाल पर उन्होने कहा कि देश के दूसरे राज्यों की तरह कारपोरेट इकाइयों को झारखंड में जमीन मुहैया नहीं हो पा रही। यहां राज्य सरकार के बदले औद्योगिक इकाइयों को ही हस्तक्षेप करना पड़ता है। कारपोरेट इकाईयों को भूमि सहजता से मिल सके, इसके लिए सरकार ने नई नीति बनाने का आग्रह किया गया है।
-कोडरमा में हुए टाटा स्टील के जमीन घोटाले से जुडे़ मामले में सरकारी जांच के अलावा कंपनी की आंतरिक जांच भी चल रही है। कंपनी का मानना है कि यह सीधे-सीधे धोखाधड़ी का मामला है।
-विस्तारीकरण प्रोजेक्ट के दायरे में आने वाले शिक्षण संस्थाओं को रविन्द्र भवन के पास शिफ्ट करने का प्रस्ताव तैयार कराकर जिला एवं मंडल से पास करा लिया गया है। अंतिम फैसले के लिए इसे राज्य सरकार के पास भेजा है।
-कंपनी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल ईस्टन-वेस्टर्न कॉरिडोर को लेकर दो स्तरों पर काम हो रहा है। पीपीपी मोड पर चल रही इस योजना के पहले चरण में वेस्टर्न कॉरिडोर का काम अगस्त माह तक पूरा होने की उम्मीद है, वहीं ईस्टर्न कॉरिडोर से शासन के साथ वार्ता चल रही है। चार अप्रैल को फिर वार्ता होनी है। योजना को पूरा करने में अतिक्रमण की समस्या भी सामने आ रही है।
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-देश में आम चुनाव के बाद बनने वाली नई सरकार से कंपनी को मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर पर ध्यान देने की अपेक्षा है।
-शहर में नागरिक सुविधाएं बढ़ाने के लिए कंपनी सतत प्रयत्नशील है। इसमें जमशेदपुर के लोगों से सहयोग की अपेक्षा की गई है। यह सही है कि शहर के लोगों को कंपनी से बहुत उम्मीदें हैं लेकिन हमको यह भी समझना होगा कि कंपनी के सुरक्षित अस्तित्व में ही शहर का बेहतर भविष्य निर्भर करता है।
-कंपनी सीएसआर के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार प्रशिक्षण तथा अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के लोगों के उत्थान के लिए काम कर रही है। अगर जनप्रतिनिधि सोलर लाइट जैसी योजना में सहयोग करते हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक लोगों तक इसका फायदा पहुंचेगा।
-शहर के विकास के लिए कंपनी, राज्य सरकार तथा नागरिकों के एक साथ मिलकर काम करना होगा। कई योजनाएं ऐसी होगी हैं, जो निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत पूरी नहीं हो पाती लेकिन इसके लिए केवल सरकारी पक्ष को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं है।
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