सुबह 11 बजे ट्यूब रोड नीलडीह बंगले से निकलेगी शवयात्रा
टीएमएच के विदाई समारोह में दिल का दौरा पडने से हुआ निधन
जमशेदपुरः टीएमएच के वरिष्ठ डाॅक्टर आरपी ठाकुर नहीं रहे. शुक्रवार को टाटा मुख्य्ा अस्पताल में आज उनके सेवा काल का अखिरी दिन था. साथी डाॅक्टरों में दोपहर में विदाई समारोह रखा था. समारोह के दौरान लगभग 1ः35 बजे उन्होंने सीने में हल्का दर्द महसूस किय्ाा. सभी उन्हें उठाकर कैथलैब में ले गए. लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें नहीं बचाय्ाा जा सका. शनिवार को दिन के 11 बजे ट्यूबमेकर्स क्लब के पास अवस्थित डीएस-3 बंगले से उनकी शवय्ाात्र्ाा निकलेगी और स्वणरेखा बर्निंगघाट पर उनका अंतिम संस्कार किय्ाा जाएगा.
धनपुर धनगढहां, बनिय्ाापुर छपरा निवासी प्रसिद्ध्ा चर्मरोग विशेषज्ञ डा. ठाकुर अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड गए हैं. उनके इकलौते पुत्र्ा डा. राजीव रंजन मुसाबनी सामुदाय्ािक स्वास्थ्य्ा केन्द्र में पदस्थापित हैं तथा बडी पुत्र्ाी डा. रितु का स्नातकोत्तर की पढाई के लिए रिम्स रांची में चय्ान हुआ है तो सबसे छोटी पुत्र्ाी डा. दिव्य्ाा उज्जैन के मेडिकल कालेज में थर्ड ईय्ार की छात्र्ाा है. डा. राजीव की पत्नी डा. पल्लवी भी इंदौर में एमडी की पढाई कर रही हैं. पत्नी कुशल गृहिणी हैं. इनके अलावा दो भाई तारकेश्वर ठाकुर और अखिलेश ठाकुर तुलसी भवन में बीआर फार्मा तथा गाढाबासा में बीआर सेवा सदन का संचालन करते हैं. भतीजों में डा. ओपी ठाकुर हल्दीपोखर स्वास्थ्य्ा केन्द्र में पदस्थापित हैं.
डा. ठाकुर पेशे के प्रति ईमानदार, सामाजिक और धार्मिक प्रकृति के व्य्ाक्ति थे. रोजाना दो घंटे सुबह और एक घंटे शाम निय्ामित रूप से पूजा-अर्चना किय्ाा करते थे. अभी वे नवरात्र्ा का निय्ामित रूप से व्रत रख रहे थे. एमजीएम मेडिकल कालेज से एमबीबीएस की पढाई करने के बाद डा. ठाकुर टीएमएच में ही इंटर्नशिप भी की और 1985 में वहीं सर्विस भी शुरू की. करीब 32 वर्षों की सेवा के बाद 31 मार्च 2॰17 को उनकी सेवाकाल का आखिरी दिन था. साथिय्ाों ने विदाई समारोह का आय्ाोजन कर रखा था. लेकिन उन्हें क्य्ाा पता था कि य्ाह आय्ाोजन उनकी जिंदगी का आखिरी आय्ाोजन होगा. पूरा परिवार गमजदा है. पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है. बहू और छोटी बेटी इंदौर और उज्जैन से चल चुकी हैं. शनिवार की सुबह उनके पहुंचने की संभावना है. डा. डाकुर का शव टीएमएच के शीत गृह में रखा गय्ाा है. कल सुबह 9 बजे परिजनों, मित्र्ाों और संबंधिय्ाों के दर्शनार्थ उनका शव उनके कंपनी आवास पर लाय्ाा जाएगा. इसके बाद आगे की प्रक्रिय्ाा शुरू होगी.
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