गाँव स्थित पुस्तकालय मे चलेगा प्रौढ़ शिक्षा केंद्र
अनौपचारिक शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु गाँव के युवाओं के सहयोग से “न्यूक्लियर स्कूल” जैसा अभिनव प्रयास
जमशेदपुर।
मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के उपसमाहर्ता संजय कुमार की पहल पर जमशेदपुर के केरुआ डूंगरी पंचायत अन्तर्गत आने वाली आदिवासी बस्ती छोटा तालसा में अनौपचारिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए गांव के ही शिक्षित युवाओं के सहयोग से 14 घरों में न्यूक्लिअर स्कूल खोले जा रहे हैं। स्कूल में प्रवेश योग्य बच्चों के नामांकन हेतु उनके द्वारा चलाये जा रहे “प्रवेश उत्सव” अभियान को लेकर संजय कुमार उक्त आदिवासी गांव पहुचे हुए थे किन्तु वहाँ पता चला कि बस्ती में स्कूल नहीं है बल्कि कुछ बच्चे निकटवर्ती गांव बड़ा तालसा के स्कूल में और कुछ बच्चे बगल में सटे सरायकेला खरसावा जिलान्तर्गत आने वाले निकटस्थ गांव बिंदापुर पढ़ने जाते हैं। फलस्वरूप कुछ बच्चे नामांकन से छूट सकते हैं , यद्यपि गांव में भवन विहीन आंगनवाड़ी केंद्र है। इसके उपरांत संजय कुमार ने पूर्व मुखिया कान्हू मुर्मू के नेत्रत्व में बस्ती के शिक्षित युवक युवतियों को बुलाकर बैठक की औरप्रस्ताव रखा कि क्यों न उन सभी पढ़े लिखे युवाओं के घरों में छोटी छोटी अनौपचारिक पाठशालाये ( न्यूक्लिअर स्कूल ) चलायी जाएँ? संजय कुमार के इस प्रस्ताव पर सभी युवाओं ने एकमत से स्वीकृति प्रदान की। लगभग दो घंटे के लंबे विचार विमर्श के बाद तय हुआ कि गांव के उच्च शिक्षित युवाओं मांझीलाल बास्के , मोसदो कुंकल , सोमाय हांसदा ,राजकुमार बेसरा , सुनीता सोरेन , उपेंद्र मुर्मू , सीरमति कुंकल , जयराम मुर्मू , बाबूलाल मुर्मू , सालगे हांसदा , शकुंतला मुर्मू , दशमत मुर्मू , दिकू टुडू तथा सूरज बेसरा के घर पर न्यूक्लिअर स्कूल खोले जाएँ। उपरोक्त सभी 14 युवक युवतियों ने लिखित में सहर्ष स्वीकृति देते हुए कहा कि वे अपने घर में प्रस्तावित न्यूक्लिअर स्कूल में न केवल बच्चों बल्कि बुजुर्गों को भी शिक्षा ज्ञान देंगे। उक्त सभी नाभिक पाठशालाएं 10 अप्रैल के पहले शुरू हो जाएँगी। इतना ही नहीं बल्कि गांव के पुस्तकालय कक्ष में प्रौढ़ शिक्षा केंद्र चलाने के लिए भी सभी उपस्थित ग्रामीणों ने सर्वसम्मति प्रदान की। इस अवसर पर संजय कुमार ने अपनी ओर से सामान्य ज्ञान , गणित , अंग्रेजी आदि की लगभग 100 पुस्तकें भी गांव की उक्त पुस्तकालय में भेंट कीं।
क्या है न्यूक्लिअर स्कूल ?
बिना अधिक ताम झाम के सिर्फ एक कमरे में चलने वाले ऐसे छोटे छोटे शिक्षण केंद्र जो अनौपचारिक प्राथमिक शिक्षा देने हेतु स्वैच्छिक रूप से एकल शिक्षक द्वारा चलाया जायेगा।
छोटा तालसा के बारे में :
तुरामडीह प्लांट के पीछे तरफ लगभग 7 किमी दूर पहाड़ियों की तलहटी के बीच बसे इस आदिवासी बहुल बस्ती की आबादी लगभग 500 है तथा आधे से अधिक ग्रामीण साक्षर हैं।
मौके पर सिद्धो-कान्हो सोबोहोत क्लब के अध्यक्ष बाबूलाल मुर्मू तथा छोटा तालसा क्लब के कार्यकारी सदस्य सुराई बेसरा , पत्रकार वीरेंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
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