रांची : केंद्र सरकार ने राज्य में विकास योजनाओं की धीमी गति पर गहरा असंतोष जताया है। राज्य सरकार को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि योजनाएं काफी धीमी गति से चल रही हैं और इसे धरातल पर उतारने में बड़े पैमाने पर कोताही भी हो रही है। लिहाजा पूरे कामकाज की प्रगति की समीक्षा और अद्यतन स्थिति की नियंत्रक एवं महा-लेखापरीक्षक (सीएजी) से जांच कराई जाए। पत्र के मुताबिक राज्य के धुर नक्सल प्रभावित जिलों में 750 किलोमीटर सड़क का निर्माण करने की योजना थी लेकिन अभी तक लगभग 250 किलोमीटर सड़क का ही निर्माण हो पाया है। 1केंद्र ने पूछा है कि राज्य सरकार बताए कि किन परिस्थितियों में धन का आवंटन होने के बावजूद सड़कें बनाई नहीं जा सकी। केंद्र ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि नक्सलियों के खिलाफ राज्य में अभियान ठीक तरीके से नहीं चल रहा है। इसके कारण नक्सलियों की गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं। नक्सलियों से निपटने में राज्य पुलिस से ज्यादा कारगर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान साबित हो रहे हैं। राज्य पुलिस ने स्पेशल टास्क फोर्स के तौर पर ‘जगुआर’ का गठन किया है लेकिन इसकी अगुवाई के लिए पुलिस महानिरीक्षक स्तर के एक पूर्णकालिक पदाधिकारी की नियुक्ति तक नहीं की गई।राज्य ब्यूरो, रांची : केंद्र सरकार ने राज्य में विकास योजनाओं की धीमी गति पर गहरा असंतोष जताया है। राज्य सरकार को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि योजनाएं काफी धीमी गति से चल रही हैं और इसे धरातल पर उतारने में बड़े पैमाने पर कोताही भी हो रही है। लिहाजा पूरे कामकाज की प्रगति की समीक्षा और अद्यतन स्थिति की नियंत्रक एवं महा-लेखापरीक्षक (सीएजी) से जांच कराई जाए। पत्र के मुताबिक राज्य के धुर नक्सल प्रभावित जिलों में 750 किलोमीटर सड़क का निर्माण करने की योजना थी लेकिन अभी तक लगभग 250 किलोमीटर सड़क का ही निर्माण हो पाया है। केंद्र ने पूछा है कि राज्य सरकार बताए कि किन परिस्थितियों में धन का आवंटन होने के बावजूद सड़कें बनाई नहीं जा सकी। केंद्र ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि नक्सलियों के खिलाफ राज्य में अभियान ठीक तरीके से नहीं चल रहा है। इसके कारण नक्सलियों की गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं। नक्सलियों से निपटने में राज्य पुलिस से ज्यादा कारगर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान साबित हो रहे हैं। राज्य पुलिस ने स्पेशल टास्क फोर्स के तौर पर ‘जगुआर’ का गठन किया है लेकिन इसकी अगुवाई के लिए पुलिस महानिरीक्षक स्तर के एक पूर्णकालिक पदाधिकारी की नियुक्ति तक नहीं की गई।
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