
जमशेदपुर।
जमशेदपुर विमेंस कॉलेज में संचालित हो रहे इग्नू की बी .एड. अध्ययन केंद्र के 2021- 23बैच के विद्यार्थियों के लिए दिनांक 13-06- 2022 एवं 14-0 6- 2022 अर्थात सातवें एवं आठवें दिवस के विभिन्न सत्रों में क्रमशः स्रोतविद् डॉ मोनिका उप्पल ने प्रथम सत्र में शास्त्र सम्मत ज्ञान का संगठन एवं उसके परिप्रेक्ष्य का व्याख्यान दिया एवं क्रियाकलाप हेतु धार्मिक मार्गदर्शन किया। द्वितीय सत्र में स्रोतविद् डॉक्टर त्रिपुरा जाने विद्यालय पाठ्यचर्या में विषयों का निर्धारण विषयक में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा NCF-2005 का संदर्भ देते हुए विद्यालय पाठ्यचर्या में विषय वस्तु के साथ शास्त्र -सम्मत ज्ञान को जोड़ने से संबंध मुद्दों ,विद्यालय समय सारणी में विषयों के प्रबंधन ,पाठ में विषय वस्तु के प्रवाह एवं विषय के पाठो के संगठन ,मूल्यांकन की विविध युक्तियों के उपयोग आदि का व्यापक प्रस्तुतीकरण दिया। तीसरे सत्र में संसाधन सेवी अंजनी कुमारी ने विद्यालयी प्रशिक्षण इंटर्नशिप 1के दौरान किए गए क्रियाकलापों के प्रतिवेदन की जानकारी शिक्षार्थियों से प्राप्त कर उनका मार्गदर्शन दिया।
दिनांक 14-06- 2022 के प्रथम एवं द्वितीय सत्र में स्रोतविद् डॉ संजय भुइंया ने एक क्रियात्मक शोधकर्ता के रूप में शिक्षक की भूमिका पर विषय प्रवेश कराते हुए क्रियात्मक शोध के लिए प्रस्ताव तैयार करने में शिक्षार्थियों की सहायता कर सामूहिक क्रियाकलाप हेतु प्रतिवेदन तैयार कर कार्यशाला में जमा करने का कार्य दिया।आठवें दिन के तृतीय सत्र में श्री अलखेन्द्र कुनाल अशोक ने-आकलन उपकरण एवं तकनीकी विषयक व्याख्यान देते हुए शैक्षिक एवं सह शैक्षिक आकलन के लिए विविध प्रकार के उपकरणों एवं तकनीकों की बोध विकसित किया ।कार्यशाला उपरांत क्रियाकलाप में परिचर्या के परिणाम, आकलन के उपकरणों को विकसित करने का कार्य भी दिया। चौथे सत्र में स्रोतविद् डॉ मनोज कुमार बाल अधिकार ,एक शिक्षक की भूमिका विषयक सत्र में बाल अधिकारों का संज्ञान कराते हुए ऐसी विविध परिस्थितियों पर चर्चा किए जहां बाल अधिकारों का उल्लंघन होता है ।कक्षा- कक्ष के अंदर या बाहर की परिस्थितियों जिनमें बच्चे शोषित होते हैं पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया एवं समूह को परिचर्या हेतु निर्देश देते हुए परिणामों की अंतिम प्रस्तुति द्वारा प्रतिवेदन तैयार करने का कार्य भी दिया। सभी शत्रु को सफल बनाने में इग्नू केंद्र की समन्वयक डॉ त्रिपुरा झा, सुश्री नेहा सुरुचि मिजं, डॉ सुप्रिया लक्ष्मी मिश्रा ,सुश्री गीता महतो ने विशेष योगदान दीया।