जमशेदपुर।
झारखंड में इंटरमीडिएट की पढ़ाई को डिग्री कॉलेजों से हटाकर +2 विद्यालयों में स्थानांतरित करने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। शनिवार को पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस कमिटी ने इस फैसले के विरोध में उपायुक्त कार्यालय पर जिलाध्यक्ष आनन्द बिहारी दुबे के नेतृत्व में प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम एक मांग पत्र सौंपा।


आनन्द बिहारी दुबे ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से झारखंड के करीब 2.5 लाख छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। अकेले पूर्वी सिंहभूम जिले में लगभग 12,000 इंटर सीटें समाप्त हो गई हैं, जिससे 21,000 से अधिक विद्यार्थी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना संसाधन, पर्याप्त शिक्षक और अधोसंरचना के यह फैसला लिया गया है, जो छात्रों के हित में नहीं है।
जिलाध्यक्ष दुबे ने कहा कि इससे न केवल छात्र बल्कि राज्यभर के लगभग 600 गैर-शिक्षण कर्मचारी भी अपने रोजगार को लेकर असमंजस में हैं। कांग्रेस ने इस फैसले को तत्काल स्थगित करने की मांग की है और कहा है कि जब तक पूर्ण संसाधन उपलब्ध न हों, तब तक इंटर कक्षाओं को स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिए।
मांग पत्र में प्रमुख बिंदु:
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इंटरमीडिएट कक्षाओं के स्थानांतरण को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाए।
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जब तक संसाधन, शिक्षक और बुनियादी ढांचा पूरी तरह तैयार न हो, तब तक कोई बदलाव न किया जाए।
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गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नौकरी और भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
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छात्रों से जुड़ी किसी भी नीति के क्रियान्वयन से पहले हितधारकों से परामर्श अनिवार्य किया जाए।
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दुबे ने कहा कि सरकार को इस विषय पर संवेदनशील और त्वरित निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया कि मुख्यमंत्री छात्रों के हित में उचित कदम उठाएंगे और लाखों परिवारों को राहत मिलेगी।
इस विरोध प्रदर्शन में कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और छात्र संगठन के प्रतिनिधि शामिल हुए। मौके पर प्रदेश सचिव खगेनचंद्र महतो, राकेश तिवारी, एनएसयूआई अध्यक्ष सचिन सिंह, महिला अध्यक्ष नलिनी सिन्हा, संध्या ठाकुर, गुलाम सरबर, चिन्ना राव, बीरेंद्र पांडे समेत बड़ी संख्या में छात्र और उनके परिजन मौजूद रहे।