जमशेदपुर।
मानवाधिकार कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा ने टाटा स्टील से शहर के बीमा की राशि 3गुना करने की मांग की है.उन्होंने कहा कि बीमा एक्ट 1991के तहत जमशेदपुर में 2018में टाटा स्टील ने शहरवासियों का बीमा किया मगर अब आबादी काफी बढ चुकी है और शहर भी फैल चुका है, जिससे अब
बीमा की राशि बढ़नी चाहिए.पिछले दिनों हुए ब्लैक आउट और प्लांट में विस्फोट की आवाज की घटना का हवाला देते हुए जवाहरलाल शर्मा ने कहा कि कंपनी ने आधुनिक तरीकों से खतरनाक गैसों का रिसाव नहीं होने दिया पर एहतियात बरतनी जरुरी है.
जवाहरलाल शर्मा की प्रेस रिलीज—-
प्रेस विज्ञप्ति जमशेदपुर
24 -9- 24
कुछ दिन पहले टाटा स्टील के प्लांट में एक भीषण विस्फोट के बाद भयंकर आग लग गई थी। सारे शहर के साथ-साथ अस्पतालों में भी कई घंटे तक बिजली गुल रही और आम आदमी को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
सौभाग्य से किसी की जान हानि की खबर नहीं मिली, पर करोड़ों अरबों का नुकसान टाटा स्टील को हुआ। सौभाग्य से खतरनाक गैसों का रिसाव नहीं हुआ, यह सब आधुनिक तकनीक की वजह से हुआ अन्यथा सैकड़ो लोगों की जान जा सकती थी। ईश्वर को लाख-लाख धन्यवाद।
ऐसी दुर्घटनाओं को ध्यान में रखकर ही सरकार ने पब्लिक लायबिलिटी इंश्योरेंस एक्ट 1991, बनाई थी।यह कानून भोपाल हादसे के बाद बना था। इसी कानून के तहत टाटा स्टील ने जमशेदपुर की संपूर्ण आम जनता का बीमा रु 5 करोड़ का किसी एक दुर्घटना के लिए तथा 15 करोड़ का बीमा एग्रीगेट के तहत किया था टाटा स्टील द्वारा जारी दस्तावेज आपके अवलोकनार्थ व अध्ययन के लिए संलग्न है।
पर बीमा को किए जाने के बाद 5 साल से ज्यादा गुजर चुके हैं इसी बीच जमशेदपुर की आबादी पहले की अपेक्षा बहुत बढ़ गई है तथा शहर का फैलाव भी हो गया है ऐसे में बीमा की उपरोक्त राशि अपर्याप्त है क्योंकि रिस्क अब ज्यादा लोगों पर है अतः बीमा की राशि तीन गुनी होनी चाहिए। तकनीक चाहे कितनी भी विश्वसनीय क्यों ना हो दुर्घटना तो हो ही सकती है।
टाटा स्टील से निवेदन है कि परिस्थितियों को देखते हुए बीमा की राशि 3 गुना करने की कृपा करें।
जवाहरलाल शर्मा
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