
जमशेदपुर।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल (TAC) की अहम बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में पोटका विधायक संजीव सरदार की सक्रिय उपस्थिति रही। इस बैठक में सीएनटी एक्ट थाना क्षेत्र की बाध्यता को समाप्त करने पर सहमति बनी। सदस्यों ने यह सुझाव दिया कि सीएनटी एक्ट लागू होने के समय गठित तीन पुराने थानों को ही पुनः प्रभावी बनाया जाए। हालांकि, इसे लागू करने की प्रक्रिया को लेकर अंतिम निर्णय कानूनी राय प्राप्त होने के बाद लिया जाएगा।
बैठक में यह भी तय किया गया कि राज्य सरकार लीगल ओपिनियन लेने के बाद पुलिस और रैयती थानों के परिसीमन से जुड़े मामलों को सुलझाएगी। इसके बाद प्रस्ताव को अगली TAC बैठक में मंजूरी के लिए लाया जाएगा।
बैठक में अन्य कई मुद्दों पर भी चर्चा हुई। TAC की वैधता को लेकर राजभवन, कुछ बुद्धिजीवियों द्वारा उठाई गई आपत्तियों पर भी विचार किया गया। इस पर स्टीफेन मरांडी ने जानकारी दी कि महाधिवक्ता से ली गई राय के अनुसार वर्तमान TAC वैध है।
इसके अलावा शेड्यूल एरिया में शराब दुकान, रेस्टोरेंट और बार खोलने के मुद्दे पर भी बात हुई। तय किया गया कि इन क्षेत्रों में ग्रामसभा की सहमति से ही ऐसी दुकानों को अनुमति दी जाएगी। विशेषकर जहां 50% से अधिक आबादी आदिवासी है, वहां ग्रामसभा की अनुमति अनिवार्य होगी। पेसा अधिनियम की नियमावली को लेकर बताया गया कि पहले जेपीआर-1 में संशोधन किया जाएगा, उसके बाद ही नियमावली बनाई जाएगी। खड़काई डैम से प्रभावित गांवों की संख्या कम करने के लिए डैम के जलस्तर को घटाने पर विचार हुआ और अधिकारियों को इस पर होमवर्क करने का निर्देश दिया गया।
कुल मिलाकर, TAC की यह बैठक कई अहम विषयों पर निर्णय और सुझावों के साथ संपन्न हुई, जिसमें पोटका विधायक संजीव सरदार की भागीदारी विशेष रूप से उल्लेखनीय रही।