Jamshedpur News:कभी स्कूल का मुंह न देखा आज बच्चों को सिखाती हैं आर्ट, मधुबनी पेटिंग की अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार पद्मश्री दुलारी देवी जमशेदपुर में
कभी स्कूल का मुंह न देखा आज बच्चों को सिखाती हैं आर्ट, मधुबनी पेटिंग की अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार पद्मश्री दुलारी देवी जमशेदपुर में, टाटा स्टील के कार्यक्रम आर्ट इन इंडस्ट्री में अन्य नामी गिरामी कलाकारों संग कर रही हैं शिरकत
जमशेदपुर बहुत नीक छै —दुलारी देवी
ANNI AMRITA
अन्नी अमृता
जमशेदपुर.
आज के ग्रामीण सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी बच्चे सरकारी स्कूलों में जाकर शिक्षा ग्रहण करते हैं,सोचिए आज से सालों पहले मधुबनी के रांटी गांव में एक गरीब मछुआरे के घर पर पैदा हुई बेटी की जिंदगी क्या रही होगी? जब बेटी सुबह से उठकर मां को घर का खाना बनाने में हाथ बंटाने के बाद दूसरे के घरों में जाकर चौका बर्तन करती होगी, जब पिता मछली पकड़कर बाजार में उसे बेचने जाते होंगे तब घर पर परिवार इस इंतजार में होता कि कुछ पैसे आ जाएंगे तब खाना बन जाएगा….और ऐसे अभावों में पलनेवाली बेटी बर्तन मांजने के साथ साथ अपनी हाथों से चित्र बनाती, रंग न मिलते तो कीचड़ को सुखाकर चित्रकारी करती…..आगे चलकर इस बेटी को मधुबनी पेंटिंग की दिग्गज आर्टिस्ट कर्पूरी देवी और दिवंगत महासुंदरी देवी का मार्गदर्शन मिलता है…..ये बेटी कोई और नहीं बल्कि मिथिलांचल और बिहार की गौरव मधुबनी पेंटिंग की अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार पद्मश्री दुलारी देवी है. आज वे जमशेदपुर में टाटा स्टील के सालाना कार्यक्रम ‘आर्ट इन इंडस्ट्री’ में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने पहुंची थीं जहां उन्होंने बिहार झारखंड न्यूज़ नेटवर्क से बातचीत करते हुए अपने जीवन के बचपन के संघर्ष को साझा किया. साथ ही बताया कि कैसे अब मधुबनी में मधुबनी पेटिंग सिखाने के लिए सारी सुविधाएं मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि तीन साल का डिग्री कोर्स और छह महीने के सर्टिफिकेट कोर्स के प्रशिक्षण की व्यवस्था है. उन्होंने मधुबनी पेंटिंग के प्रचार प्रसार के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार की भूरि भूरि प्रशंसा की.
दुलारी देवी ने कहा कि देश-विदेश से कलाप्रेमी मधुबनी पेंटिंग सीखने मधुबनी आते हैं जिनके लिए खाने पीने और रहने की पूरी व्यवस्था है. दुलारी देवी को इस बात का संतोष है कि जिस प्रकार उन्होंने बचपन में मुश्किल हालातों के बीच मधुबनी पेटिंग की कला को सीखा, आज हालात उलट हैं और अब नई पीढ़ी इस कला को आगे लेकर जा रही है.
राज्य सरकार से मिल चुका है ‘मिथिला अस्मिता सम्मान’, अब कहलाती हैं पद्मश्री
दुलारी देवी मिथिला आर्ट इंस्टीट्यूट में कलाप्रेमियों को मधुबनी आर्ट की बारीकियां सिखाती हैं. वह आज भी सुबह चार बजे उठकर मधुबनी पेंटिंग बनाती हैं जिसमें वह लोक कला और संस्कृति को प्रदर्शित करती हैं. उन्हें कई अवार्ड मिल चुके हैं. मधुबनी पेंटिंग के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए बिहार सरकार की ओर से उन्हें ‘मिथिला अस्मिता सम्मान’ मिल चुका है. वहीं 2021 में उन्हें भारत सरकार की ओर से पद्मश्री से नवाज़ा गया.
आर्ट इन इडस्ट्री में देश भर के नामी गिरामी आर्टिस्ट जुटे
आज सुबह रूसी मोदी सेंटर फॉर एक्सीलेंस में टाटा स्टील के सालाना कार्यक्रम आर्ट इन इंडस्ट्रीज़ का शुभारंभ हुआ. इस मौके पर टाटा स्टील के वाइस प्रेसीडेंट चाणक्य चौधरी ने कहा कि कोविड काल के दौरान यह कार्यक्रम आयोजित नहीं हो पाया जिसकी भरपाई करने की पूरी कोशिश की जा रही है. उन्होंने देश भर से आए नामी गिरामी कलाकारों पद्मश्री दुलारी देवी, चंद्रा भट्टाचार्या, फरहाद, मादुरी भादुरी, तृप्ति दवे, विवेक शर्मा, लीला विंसेट और अन्य का स्वागत किया. ये आयोजन 31 अक्टूबर से लेकर 4 नवंबर तक चलेगा जिसमें ख्यातिप्राप्त ये सभी कलाकार कैनवस पर अपने रंगों का जादू भरेंगे. शहर के स्कूली बच्चों के लिए आर्ट वर्कशॉप का भी आयोजन होगा.
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