JAMSHEDPUR NEWS :सत्य, अहिंसा व स्वच्छता का संदेश जीवन में उतारकर बीमारियों व सामाजिक बुराइयों से बचाव संभव

प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय, माचा में स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम,परिचर्चा व स्वच्छता अभियान चलाकर किशोरियों ने दिया स्वच्छता का संदेश

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पटमदा / जमशेदपुर : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वच्छता के संदेश से प्रेरित “स्वच्छता ही सेवा” अभियान समूचे देश में चलाया जा रहा है, जिससे समस्त देशवासी स्वच्छता को प्रेरित हो रहे है। पटमदा स्थित प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय, माचा में प्रभारी प्रधानाध्यापिका डॉ प्रियंका झा के मार्गदर्शन में स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम आयोजित कर बालिकाओं को जीवन के विभिन्न आयामों में स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरूक किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ बिडरा पंचायत के उप मुखिया गोपाल गोराई, समाजसेवी सुकुमार दत्ता व विद्यालय की बच्चियों ने राष्ट्रपिता के तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित कर किया।

बच्चों की शिक्षा व माहवारी स्वच्छता को समाज में आम चर्चा का विषय बनाने को मिशन बनाकर कार्य कर रहे सामाजिक संस्था निश्चय फाउंडेशन के संस्थापक तरुण कुमार ने स्टोरी टेलिंग के माध्यम से गांधी जी के मोहन से महात्मा बनने की कहानी विस्तार से सुनाई। बताया कि गांधी जी के इंग्लैंड जाकर वकालत पढ़ना, दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ना, प्लेग की महामारी फैलने के दौरान स्वच्छता व स्वयंसेवा कर सैकड़ों लोगों की जान बचाना, फिर भारत भर में घूम घूम कर अंग्रेजी शासन के खिलाफ सत्याग्रह करना, विश्व समुदाय को स्वच्छता, सत्य अहिंसा का संदेश देना महात्मा गांधी के जीवन के प्रमुख बिंदु है।

हम सभी को जीवन में मन और विचारों की स्वच्छता, तन की स्वच्छता, समुदाय ( गांव, घर व विद्यालय) की स्वच्छता को अपने आचरण में लाना चाहिए। इससे हम केवल स्वयं ही नही बल्कि समूचे समाज को बीमारियों व सामाजिक बुराइयों से बचा सकते है। परिचर्चा के दौरान बच्चियों के साथ संवाद स्थापित कर उनके मन में उठने वाले प्रश्नों का निराकरण किया गया। मौके पर बेहतर माहवारी स्वास्थ्य हेतु बच्चियों को पर्यावरण अनुकूल सैनिटरी पैड का उपहार भी दिया गया।

विद्यालय में आयोजित परिचर्चा के उपरांत बच्चों ने विद्यालय व माचा अस्पताल में स्वच्छता अभियान चलाया, साथ ही स्वच्छता की शपथ लेकर अपने जीवन में स्वच्छता के संदेश को उतारने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के आयोजन में शिक्षक अरविंद कुमार, धनंजय कुमार व आदेशपाल मानिक चंद्र साहिस का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा

 

 

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