संवाददाता,जमशेदपुर,11 अक्टूबर
जमषेदपुर स्थित साकची बारी मैदान में 11 तथा 12 अक्टूबर 2014 को आनन्द मार्ग प्रचारक संघ के तत्वावधान में दो दिवसीय धर्म महासम्मेलन का आयोजन किया गया। 11 तारीख के दोपहर अपने प्रवचन में आनन्द मार्ग के श्रद्धेय पुरोधा प्रमुख आचार्य विशदेवानन्द अवधूत ने ‘‘सबीज साधना‘‘ विषय की सविस्तार व्याख्या की उन्होनें कहा कि योग चितवृतियों का निरोध नहीं है। न ही है कुछ काल के लिये वृतियों का सम्प्रेशण तथा कथित सिद्धिया की प्राप्ति भी योग का उचित तात्पर्य नहीं है। ‘हठ‘ योग के विषय में उन्होनें कहा कि यह आज्ञा चक्र (मन) का विशुद्ध चक्र के ऊपर नियन्त्रण मात्र है। यह हठ योग प्राणायाम से संभव है।
उन्होंने कहाकि केवल भक्त ही योगी हैं। भक्त के वगैर भगवान अकेले थे। भक्त ने भगवान की मर्यादा बढ़ाई। पुनः भक्त के अनन्त क्षुधा की तृप्ति परम ब्रह्य की कृपा से ही संभव होती है। इसलिए एक भक्त हमेशा यही प्रार्थना करता है कि उसकी बृद्धि हमेषा षुभ के साथ संयुक्त रहे।
पुरोधा प्रमुख के प्रवचन समाप्त होने के बाद साकची बारी मैदान से एक शोभा यात्रा साकची गोलचक्कर होते हुए पुनः बारी मैंदान पहुँचा। इस शोभा यात्रा में भक्तों ने ’’बाबा नाम केवलम ’’का कीर्तन किया। सभी भक्तों के हाथ में-’’दुनियाँ के नैतिवादियों एक हो एक हो’’, ’’विष्व बन्धुत्व कायम हो’’ ,’’एक चुल्हा, एक चैका, एक है मानव समान’’ परमपिता बाबा की जय घोश करते हुए षोभा यात्रा षहर के सड़कों पर गुजरा। शाम 7 बजे से प्रभात संगीत पर आधारित बच्चों का नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसका संचालन मानस भट्टाचार्जी ने किया एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के मंच का संचालन राँची के मीनाल ने किया।
इस कार्यक्रम में बनारस से आचार्य रूद्रानंद अवधूत, विश्वस्तरीय जनसंपर्क सचिव आचार्य नीरमोहानंद अवधूत, अमेरिका से आचार्य शंभू षिवानंद अवधूत, कनाडा से आचार्य विमलानंद अवधूत तथा अन्य लोग शामिल थे।