Chaibasa :आखिर क्यों पश्चिमी सिंहभूम जिले के झीकपानी प्रखंड का जिला परिषद सदस्य धनबाद जेल में भुख हड़ताल पर बैठा है तीन दिनों से
मानसिक प्रताड़ना को लेकर हाईकोर्ट और राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग नई दिल्ली को बंदी आवेदन के माध्यम से न्याय के लिए गुहार लगाया
चाईबासा।मजदुर नेता सह पश्चिमी सिंहभूम जिला के झीकपानी प्रखंड के जिला परिषद सदस्य जॉन मीरन मुंडा ने
धनबाद जेल में पीछले तीन दिनों से भूख हड़ताल पर क्यों बैठा है।जॉन 10 दिसंबर से ही भूख हड़ताल शुरू कर दिया
है और अपने ऊपर हो रहे मानसिक प्रताड़ना को लेकर हाईकोर्ट और राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग नई दिल्ली को
बंदी आवेदन के माध्यम से न्याय के लिए गुहार लगाया।बंदी आवेदन का रिसीविंग जेल प्रशासन धनबाद के द्वारा नही
दिए जाने के कारण भूख हड़ताल के लिए मजबूर हो गए।
आवेदन में जॉन मीरन मुंडा ने कहा की वह मजदूर नेता होने के साथ साथ वर्तमान में झींकपानी प्रखंड का जिला
परिषद सदस्य हैं।
एवं झारखंड जेनरल कामगार यूनियन तथा अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा का केंद्रीय अध्यक्ष है।उनका संघर्ष मजदूर और आदिवासियों के शोषण के खिलाफ एवं ए०सी०सी,टाटा,रूंगटा, राजकुमार शाह जैसे पूंजीपतियों के द्वारा किए जा रहे लूट के खिलाफ लंबा संघर्ष रहा है।बड़े पूंजीपति ए०सी०सी झींकपानी के द्वारा लगातार शोषण किए जाने के विरुद्ध,कंपनी में कार्यरत मजदूरों को जबरन वी०आर ०एस दिए जाने के विरुद्ध जॉन मीरन मुंडा ने वर्ष 2003 से आंदोलन शुरू किया।आंदोलन शुरु करने के कारण झींकपानी स्तिथ ए०सी०सी कंपनी प्रबंधन के इशारे पर जॉन मीरन मुंडा के ऊपर झींकपानी थाना एवं टोंटो थाना के द्वारा कई बार झूठा मुकदमा कर जेल भेजने का काम किया गया।झींकपानी थाना एवं टोंटो थाना क्षेत्र में किसी की भी हत्या हो जाती थी तो मुझे भी बेवजह आरोपी बनाया गया।माननीय उच्च न्यायालय ने मुझे गोकुल गोप हत्याकांड में बाईज्ज बरी कर दिया।
चाईबासा कारा मंडल में मुरली लागुरी नामक बंदी की हत्या जेल प्रशासन द्वारा कर दी गई। 08 सितंबर 2022 को चाईबासा जेल के अंदर जेल प्रशासन के द्वारा मुरली लागुरी को पीटा गया।मुरली लागुरी को पीटने के बाद उसे सेल में डाल दिया गया। फिर 09 सितंबर 2022 को जेलर के नेतृत्व में 15-20 सिपाहियों के द्वारा मुरली लागुरी को तिरंगा के सफेद रस्सी से बांधकर बुरी तरह पीटा गया।फिर जेलर के द्वारा बोला गया की सेकेंड टाईम को फिर तैयार रहना।इसी मानसिक डर और प्रताड़ना के भय से मुरली लगुरी सीढ़ी से खुद कर आत्महत्या कर लिया। इसी मामले के बाद 10 सितंबर 2022 को बंदियों ने भूख हड़ताल शुरू कर दिया। सुप्रिटेंडेंट ने जॉन मीरन मुंडा से कहा की बंदियों को समझाओ वर्ना दोषियों पर कार्यवाही होगी।जॉन मीरन मुंडा ने भूख हड़ताल कर रहे सभी बंदियों को सभी बंदियों को समझाया और जॉन मीरन मुंडा ने जेल मेनयुवल को लागू करने का मांग रखा।जिसमे सुप्रिटेंडेंट ने जेल मेनयुवल को लागू करने का बात स्वीकार किया। जिसके बाद बंदियों ने भूख हड़ताल समाप्त कर खाना खा लिया। भूख हड़ताल समाप्त होने के बाद सुप्रिटेंडेंट ने जेल मैनयूवल वाले मामले को रफा दफा कर दिया।इसके बाद जॉन मीरन मुंडा को नजर बंद कर दिया गया।प्रदान नामक जमादार ने जॉन मीरन मुंडा को जाति सूचक गाली दिया और नजर बंद बंदियों के बीच धमकी दिया जिसे आशुतोष सोरेन,अजीत महतो,आकाश जी,साहू जी लोगों ने सुना और देखा भी। इसके बाद 4 नवंबर 2022 को जॉन मीरन मुंडा को धनबाद जेल भेज दिया।सुप्रिटेंडेंट ने जॉन मीरन मुंडा को धमकी दिया की मुरली लागुरी का मामला शांत होने दो।धनबाद जेल में जॉन मीरन मुंडा को परिजनों के साथ फोन में बात भी नहीं करने दिया जा रहा है।इसी मामले को लेकर जॉन मीरन मुंडा ने बंदी आवेदन के माध्यम से हाई कोर्ट एवं राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को चिट्ठी भेजा है।
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