नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़े,सरकार बातचीत के लिए तैयार: राजनाथ

69

रांची,23सितंबर

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने माअोवादियो से हिंसा का रास्ता छोड़ कर राष्ट्र की मुख्य धारा में लौटने की अपील की है। उन्होने कहा कि नक्सली यदि हिंसा का रास्ता छोड़ते है, तो सरकार बातचीत के लिए तैयार है। केंद्रीय गृहमंत्री आज राजधानी रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, गृह मंत्रालय के सुरक्षा सलाहकार के.विजय कुमार मुख्य सचिव सुधीर प्रसाद, गृह सचिव एनएन पांडेय, पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार समेत अन्य वरीय पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियो के साथ समीक्षा बैठक के बाद पत्रकार¨ बातचीत कर रहे थे।
राजधानी रांची स्थित राजभवन में माअ¨वाद समस्या और आधारभूत संरचना के विकास को लेकर करीब तीन घंटे तक बैठक करने के बाद राजनाथ सिंह ने बताया कि गृह मंत्रालय  का पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होने ने देश के प्रत्येक माअोवाद प्रभावित राज्यो  का दौरा करने का निर्णय लिया अौर इस क्रम में आज सबसे पहले झारखंड पहुंचे। उन्होने बताया कि केंद्र सरकार इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए तैयार है अौर संतुलित तरीके से समस्या के समाधान के पक्ष में है। उन्होने माअोवादियो से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता छोड़ कर लोकतंत्र में आस्था की अभिव्यक्ति करें,क्यो कि तानाशाही नेतृत्व वाले देश में सत्ता परिवत्तन भले ही हथियारो  के बल पर  होता¨ है¨, लेकिन जहां लोकतंत्रा में  सत्ता परिवत्र्तन के लिए हिंसा का कोई स्थान नहीं है, हर व्यक्ति के हाथ में एक वोट सशक्त हथियार है,इस हथियार के बल पर लोग बड़ी से बड़ी सत्ता को भी बदल सकते है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने बताया कि बैठक में राज्य सरकार की  और  कुछ समस्याअो  से केंद्र सरकार  को ¨ अवगत कराया गया है, केंद्र सरकार ने इसे संज्ञान में ले लिया है अौर इस पर ज्यादा चर्चा की जरुरी नहीं है, केंद्र सरकार इन बाधाअो के ¨ दूर करने की ¨कोशिश करेगी। उन्होने बताया कि आज झारखंड दौरे के क्रम में उन्होने सारंडा इलाके थालको¨बाद स्थित सीआरपीएफ कैंप का निरीक्षण किया,जहां पहली बार उन्होने देखा कि अर्द्धसैन्य बल के जवान किन कठिन परिस्थितियो में काम कर रहे है,इसके बावजूद क्षेत्र की जनता के साथ भी बेहतर संबंध बनाये हुए है। उन्होने बताया कि मंत्रालय की अोर से पहले ही अर्द्धसैन्य बल¨ं के जवाने के¨ निर्देश है कि वे क्षेत्र की जनता के साथ बेहतर संबंध बनाकर काम करें और माअोवादियो अौर अनुसूचित जनजाति-आम जनता के भेद को समझे,स्थानीय लोग से बेहतर रिश्ते बनाकर रखने की जरुरत है।एक प्रश्न के उत्तर में उन्होने बताया कि माअोवादियो के लिए केंद्र सरकार ने सभी पहलुअो¨ं को¨ ध्यान में रखते हुए आत्मसमर्पण नीति तैयार किया है,राज्य सरकार भी अपने तरीके से सरेंडर पॉलिसी बनाती है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More