मधेपूरा-चंपारण सत्याग्रह के सौ साल पुरे होने पर हुए कई कार्यक्रम

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संजय कुमार सुमन
मधेपुरा ।
अप्रैल 2017 को चंपारण सत्याग्रह के 100 साल पूरे हो रहे हैं। ये महात्मा गांधी का भारत में पहला सत्याग्रह था। इसी आंदोलन की याद में मधेपुरा जिले के चौसा में कई कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम के पहले चरण में सफाई अभियान चलाई गई।प्रखण्ड कार्यालय चौसा परिसर में बीडीओ मिथिलेश बिहारी वर्मा,थाना परिसर में थाना अध्यक्ष सुमन कुमार सिंह, पंचायत में सभी मुखिया के नेतृत्व में सफाई अभियान कराया गया।
बीडीओ श्री वर्मा ने कहा कि बापू को कार्यांजलि और एक पहल जो सिर्फ सांकेतिक नहीं होगी और न ही चंपारण सत्याग्रह के 100 साल को याद करने के लिए होगी बल्कि बापू के सपने को साकार करने के लिए सरकार और प्रभावी कदम उठाने की शुरुआत भी करेगी।सफाई और स्वच्छता को जो महात्मा गांधी के दिल से जुडे मुद्दे रहे और ये चंपारण आंदोलन के केन्द्र बिंदू भी रहे।उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि इन कोशिशों से सफाई को लेकर औऱ जागरुकता बढेगी औऱ जब महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ तक जन जन तक पहुंच जाएगी।सत्याग्रह का मतलब अब स्वच्छाग्रह होगा जिसमें स्वच्छ भारत बनाने में हर व्यक्ति का योगदान होगा।
स्वच्छ भारत अभियान को जन आंदोलन बना कर कैसे सफल बनाया जाए इस विषय पर उपस्थित जनप्रतिनिधि से चर्चा की गई। जन भागीदारी और जन आंदोलन से ही स्वच्छ भारत का सपना पूरा होगा।
बीडीओ श्री वर्मा ने कहा कि गांधीजी के नेतृत्व में बिहार के चम्पारण जिले में सन् 1917-18 में एक सत्याग्रह हुआ। इसे चम्पारण सत्याग्रह के नाम से जाना जाता है। गांधीजी के नेतृत्व में भारत में किया गया यह पहला सत्याग्रह था।
अंचल पदाधिकारी अजय कुमार ने कहा कि गांधीजी ने अपने कई स्वयंसेवकों को किसानों के बीच में भेजा। यहाँ किसानों के बच्चों को शिक्षित करने के लिए ग्रामीण विद्यालय खोले गये। लोगों को साफ-सफाई से रहने का तरीका सिखाया गया। सारी गतिविधियाँ गांधीजी के आचरण से मेल खाती थीं। स्वयंसेवकों ले मैला ढोने, धुलाई, झाडू-बुहारी तक का काम किया। लोगों को उनके अधिकारों का ज्ञान कराया गया।चंपारण के इस ऐतिहासिक संघर्ष में डॉ राजेंद्र प्रसाद, डॉ अनुग्रह नारायण सिंह, आचार्य कृपलानी समेत चंपारण के किसानों ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि चंपारण के इस गांधी अभियान से अंग्रेज सरकार परेशान हो उठी। सारे भारत का ध्यान अब चंपारन पर था। सरकार ने मजबूर होकर एक जाँच आयोग नियुक्त किया, गांधीजी को भी इसका सदस्य बनाया गया।। परिणाम सामने था। कानून बनाकर सभी गलत प्रथाओं को समाप्त कर दिया गया। जमींदार के लाभ के लिए नील की खेती करने वाले किसान अब अपने जमीन के मालिक बने। गांधीजी ने भारत में सत्याग्रह की पहली विजय का शंख फूँका। चम्पारन ही भारत में सत्याग्रह की जन्म स्थली बना।
थाना परिसर में आयोजित कार्यक्रम में गांधी जी के चंपारण आंदोलन पर चर्चा करते हुए थाना अध्यक्ष सुमन कुमार सिंह ने कहा कि
हजारों भूमिहीन मजदूर एवं गरीब किसान खाद्यान के बजायनील और अन्य नकदी फसलों की खेती करने के लिये वाध्य हो गये थे। वहाँ पर नील की खेती करने वाले किसानों पर बहुत अत्याचार हो रहा था। अंग्रेजों की ओर से खूब शोषण हो रहा था। ऊपर से कुछ बगान मालिक भी जुल्म छा रहे थे। गांधीजी स्थिति का जायजा लेने वहाँ पहुँचे। उनके दर्शन के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। किसानों ने अपनी सारी समस्याएँ बताईं। उधर पुलिस भी हरकत में आ गई। पुलिय सुपरिटेंडंट ने गांधीजी को जिला छोड़ने का आदेश दिया। गांधीजी ने आदेश मानने से इंकार कर दिया। अगले दिन गांधीजी को कोर्ट में हाजिर होना था। हजारों किसानों की भीड़ कोर्ट के बाहर जमा थी। गांधीजी के समर्थन में नारे लगाये जा रहे थे। हालात की गंभीरता को देखते हुए मेजिस्ट्रेट ने बिना जमानत के गांधीजी को छोड़ने का आदेश दिया। लेकिन गांधीजी ने कानून के अनुसार सजा की माँग की।फैसला स्थगित कर दिया गया। इसके बाद गांधीजी फिर अपने कार्य पर निकल पड़े। अब उनका पहला उद्देश लोगों को ‘सत्याग्रह’ के मूल सिद्धातों से परिचय कराना था। उन्होंने स्वतंत्रता प्राप्त करने की पहली शर्त है – डर से स्वतंत्र होना।

बैठक में मुखिया सुनील यादव, पन्कज मेहता, विद्यानंद पासवान, संतोष साह, बबलू ऋषिदेव. संगीता सुमन, मुखिया प्रतिनिधि अभिनंदन मंडल, मुर्शीद आलम, मोहम्मद शाहजहां, विनोद यादव, सचिन कुमार बंटी,पवन मुनी,समिति दिनेश सिंह, समिति प्रतिनिधि कालेश्वर राय,पूर्व समिति सुधीर कुमार सिंह, सुमन कुमार यादव मुखिया प्रतिनिधि घनश्याम कुमार,सरपंच कल्पना देवी,चन्द्रकला देवी समेत दर्जनों जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
सफाई अभियान तहत चौसा प्रखंड कार्यालय, चौसा थाना,चौसा अस्पताल और फुलौत ओपी में *”स्वच्छ भारत मिशन”* के अंतर्गत सफाई कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । चौसा प्रखंड परिसर में पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि के द्वारा सफाई कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । प्रखंड पदाधिकारी मिथिलेश कुमार वर्मा अंचल अधिकारी अजय कुमार,प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा.अमित कुमार,उप प्रमुख शशि कुमार दास समेत कई लोगों ने हाथों में झारू लेकर परिसर की सफाई की गई। अस्पताल परिसर में भी सफाई अभियान चलाया गया। पूज्य बापू महात्मा गांधी को याद कर उनके तस्वीर पर सभी पदाधिकारी मिलकर माल्या अर्पण किया और उनके उपदेशों पर चलने की कामना की। चौसा थाना में थाना अध्यक्षक सुमन कुमार सिंह के नेतृत्व में सफाई अभियान चलाया गया। इस मौके पर पूर्व सरपंच मंटू सिंह,सहायक अवर निरीक्षक सच्चिदानंद सिंह,जदयू नेता कैलाश पासवान,गोपाल यादव,ग्रामीण पुलिस राजेश पासवान समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम में फुलौत पूर्वी के मुखिया बबलू ऋषिदेव एवं फुलौत पश्चिमी के मुखिया पंकज मेहता के संयुक्त प्रयास से गांव के मोहल्ला -मोहल्ला की सफाई का अभियान शुरू किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ थाना परिसर से शुरू हुई जिसमें फुलौत ओ० पी०थानाअध्यक्ष राजेश कुमार,
जिला परिषद अनिकेत मेहता ने स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत अपने गांव को निर्मल बनाने की बात कही और युवाओं से अपील किया कि आप जहां रहते हैं ,जिस परिवेश में रहते हैं ,वहां स्वच्छ दिखे साफ सुथरा दिखे। इसके लिए सतत प्रयास करते रहे ।मौके पर राजेंद्र प्रसाद यादव, समाजसेवी,तुलआनंद यादव साथ हीं दर्जनों ग्रामीण ,थाना के सिपाही साफ सफाई करते दिखे।

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