मधुबनी-धर्म के रक्षक व अधर्म के विनाशक प्रभू श्री राम थे :श्याम जी महाराज ने कहा

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राजकुमार झा

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मधुबनी।
धर्म के रक्षक बनकर, अधर्म कों नाश करने के लिए भगवान श्री विष्णु मानव रूप मे अयोध्या के राजा दशरथ के घर जन्मे पुरूषोत्म राम के रूप मे सच्चे मन से आराधना करने से मानव तमाम सांसारिक झंझावतों से मुक्ति पा जाता हैं ।भगवान श्री राम कथा का श्रवण एंव आराधना से ही मुक्ति की कामना को साकार किया जा सकता है लदनिया प्रखंड अन्तर्गत कुमरखत पूर्वी पंचायत के पथलगाढा में राम कथा यज्ञ के दूसरे दिन अयोध्या के बाल व्यास श्री श्याम जी महाराज ने कहीं ।
उन्होंने लोगों को आडंबरहीन जीवन जीने की सलाह देते हुए कहा कि मानव खाली हाथ आता है और खाली हाथ ही लौट जाता है।शेष रह जाता हैं उसका कर्म ।
कर्म की महत्ता को स्वीकारने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि मानव जीवन में सुचिता ही ऐसी चीज है जो उसे सद् आचरण की ओर ले जाता है।सद् आचरण ही ऐसा गुण है जो मानव जीवन को खुशियों से भर देता है ।
मौके पर पूर्व जिला परिषद सदस्य नवल किशोर यादव, प्रमुख पति सत्य नारायण साफी, पंचायत समिति सदस्य राम कुमार यादव, अधिवक्ता विमल दास, डॉ आन्नद ,पूर्व मुखिया , संतोष कुमार यादव, सामाजसेवी धनिक लाल यादव, मिश्री पंडित, राम लखन पंडित, रघुवीर जी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे ।
राम कथा यज्ञ के आयोजन में पूर्व जिला परिषद सदस्य नवल किशोर यादव, धनिक लाल यादव, संतोष दास, मिश्री पंडित, राम लखन पंडित ।

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