मधेपुरा- डिजिटल वित्तीय साक्षरता जागरूकता कार्यक्रम” का आयोजन हुआ

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संजय कुमार सुमन
मधेपुरा
नाबार्ड के सहयोग से उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक चौसा द्वारा जनता उच्च विद्यालय मैदान में “डिजिटल वित्तीय साक्षरता जागरूकता कार्यक्रम” का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक चौसा के शाखा प्रबंधक चंदन कुमार ने की। इस मौके पर उपस्थित विशेषज्ञों ने सीएसपी में लेनदेन की जानकारी वीडियो दिखा कर दिए और माइक्रो एटीएम,फॉस मशीन, लेन-देन में सावधानी बरतने, एटीएम का गुप्त पिन संबंधित कई तरह की जानकारी प्रदान की।
नवार्ड के जिला विकास पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि हम पिछले कई वर्षो से यह महसूस कर रहे हैं कि सूचनाओं के संप्रेषण से लोगों के जीवन में बदलाव आया है। लोग अपने अधिकार के प्रति सजग हुए हैं।आम जनता के हित में केंद्र और राज्य सरकारों की बहुत सारी कल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं। कोशिश यही है कि समाज के सबसे हाशिये पर बैठे लोगों के जीवन में बदलाव आये।हालांकि, भ्रष्टाचार के दीमक के कारण और अपने अधिकार के विषय में सूचना के अभाव के कारण लोगों को इसका वास्तविक लाभ नहीं मिल पा रहा है।ज्यादातर पैसा उन लोगों तक नहीं पहुंचा जो कि इसके हकदार थे। यदि सूचनाओं को डिजिटल कर दिया जाए और संप्रेषण को आसान बना दिया जाए, तो सरकार की योजनाओं के विषय में लोगों को जानकारी होगी।उन्होंने कहा कि गांव-पंचायत में चलाये जाने वाले कार्यक्रमों-मसलन मनरेगा, इंदिरा आवास, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, मिड डे मिल आदि कई ऐसी योजनाएं हैं, जो गांवों में चलायी जाती हैं।शिक्षा से लेकर गरीबी उन्मूलन तक विकास की 29 ऐसी योजनाएं हैं, जिन्हें लागू करने के लिए हम पंचायतों पर निर्भर हैं। देश के ग्रामीण तभी इन योजनाओं का लाभ उठा पायेंगे, जब उन्हें उनके अधिकारों की जानकारी होगी। अगर ग्रामीणों को इन योजनाओं की सही जानकारी दी जाये, इनमें खर्च की जाने वाले राशि और होने वाले काम के विषय में जानकारी हो तो वे अपने अधिकार मांग सकते हैं।  यदि हर पंचायत में इंटरनेट हो, उनकी अपनी वेबसाइट हो, उस वेबसाइट में गांव-पंचायत से जुड़ी सभी सूचनाओं, योजनाओं, उनके निष्पादन की स्थिति का वर्णन हो तो गांव को इससे काफी फायदा होगा। सरकारी सेवा तक न हो सीमित पिछले कुछेक वर्षो में मोबाइल ने लोगों के जीवन को सरल बनाया है। आज मोबाइल का इस्तेमाल करने वालों की संख्या काफी है। इसके जरिये हम जनता से जुड़ी सेवाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचा सकते हैं। भ्रष्टाचार को कम किया जा सकता है। इससे बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
ग्रामीण बैंक के वित्त सलाहकार डॉ अमरीश कुमार सिंह ने कहा कि हर परिवार में एक व्यक्ति को डिजिटल रूप से साक्षर में बनाना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी  की ” डिजिटल इंडिया” की दृष्टि का अभिन्न घटकों में से एक है । डिजिटल रूप से सशक्त राष्ट्र के निर्माण की दिशा में डिजिटल साक्षरता की अहम भूमिका है। इससे नागरिकों को सूचना प्रौद्योगिकी की जानकारी द्वारा रोजगार हासिल करते हुए, और विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए सरकारी सेवाओं का लाभ हासिल करते हुए जीवनशैली में सुधार लाने हेतु मदद की जा रही है।
क्षेत्रीय अधिकारी मनीष झा ने कहा कि सार्वजनिक सेवा केंद्र (सी.एस.सी) दरअसल आईसीटी समर्थित एक्सेस ऐसे प्वाइंट हैं, जिसके जरिए विभिन्न सरकारी और व्यावसायिक सेवाओं को जनता तक पहुंचाने का कार्य किया जाता है। सीएससी ग्रामीण भारत में कौशल विकास, डिजिटल साक्षरता, स्वास्थ्य और वित्तीय सेवाएं प्रदान करने का कार्य करेंगे।
डिजिटल इंडिया देश के ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट और रोजगार हेतु जागरूकता पैदा करने में काफी मददगार रहा है। मौके पर चौसा ग्रामीण बैंक कार्यालय सहायक राम निवास मीणा,बैंक अधिकारी मो0 शबाउद्दीन,बीसी मनोहर कुमार अरजपुर,सुनील मेहता पैना,मंटू कुमार घोषई ,राजेश सिंह भटगामा,मो0 कलीम उद्दीन चंदा आदि उपस्थित थे।

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