नई दिल्ली-सरकार ने श्रम कानूनों और नियमों को आसान बनाया

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नई दिल्ली।
सरकार ने विभिन्‍न तरह के फॉर्मों और रिपोर्टों को 36 से घटकर 12 किया ताकि लागत कम हो और विभिन्‍न प्रतिष्‍ठानों का परिपालन बोझ काम हो

सरकार ने विभिन्‍न प्रतिष्‍ठानों द्वारा श्रम कानूनों और नियमों के परिपालन को सहज बनाने के लिए अभियान शुरू किया है। निश्चित श्रम कानून नियमों 2017 के अंतर्गत फॉर्मों और रिपोर्टों को तर्क संगत बनाने से आवेदनों तथा रिपोर्टों की संख्‍या 3 अधिनियमों और उनके नियमों के अंतर्गत कम होकर 36 से 12 हो गई है। इस अभियान का उद्देश्‍य उपायोगकर्ता के लिए फॉर्मों और रिपोर्टों को समझने में सहज बनाना है। इससे प्रयास, लागत में बचत होगी और विभिन्‍न प्रतिष्‍ठानों के अनुपालन बोझ में कमी आयेगी। 2013-14 में  केन्‍द्रीय सांख्‍यकी कार्यालय की छठी आर्थिक गणना के अनुसार कृषि और गैर-कृषि क्षेत्रों में लगभग 5.85 करोड़ प्रतिष्‍ठान हैं।

विभिन्‍न श्रम कानूनों के तहत फॉर्म भरने की आवश्‍यकता की समीक्षा में पाया गया कि तीन अधिनियमों और उनके अंतर्गत बने कानूनों के 36 फॉर्म अनावश्‍यक थे। इसलिए श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा परस्‍पर रूप से जुड़ें फॉर्मों को समाप्‍त करने और फॉर्मों की संख्‍या कम करने का अभियान चलाया। 9 फरवरी 2017 को फॉर्मों तथा रिपोर्टों की संख्‍या घटाने के आशय की अधिसूचना पब्लिक डोमेन में आई और इस बारे में आपत्तियों और सुझावों को सभी हितधारकों से मांगा गया।

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श्रम कानून जिसके अंतर्गत यह फॉर्म भरे जाते हैं, निम्‍नलिखित हैं:

  1. अनुबंध श्रमिक (विनियमन और समाप्ति) अधिनियम, 1970
  2. अंतर राज्‍यीय प्रवासी कर्मी (रोजगार और सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1979
  • भवन तथा अन्‍य निर्माण श्रमिक (रोजगार और सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1996

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