राजकुमारी का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने उन्हें भारत का गहरा और विशेष मित्र बताया। राजकुमारी संस्कृत और पाली की विद्वान है, साथ ही भारतीय संस्कृति की गहरी समझ रखती हैं। भारत और थाईलैंड के मध्य मित्रता को मजबूत करने का भी उन्हें पर्याप्त ज्ञान है। उन्होंने दोनों देशों के मिले-जुले इतिहास के प्रति बेहतर समझ और जागरूकता पैदा करने के लिए उनकी दिलचस्पी और लगातार प्रयासों के लिए भी उन्हें धन्यवाद दिया।


राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के थाईलैंड के साथ गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं और वे द्विपक्षीय संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। भारत दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध आगे जारी रखने का इच्छुक है और दोनों देशों के बीच शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों, कलाकारों, विद्वानों और छात्रों के और अधिक आदान-प्रदान का भारत स्वागत करता है। उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना को क्षेत्रीय सहयोग की संभावनाओं का उदाहरण बताते हुए कहा कि भारत इस परियोजना में थाईलैंड की सहायता की प्रशंसा करता है। थाईलैंड की राजकुमारी ने कहा कि बिहार और नालंदा की यात्रा करके उन्हें बेहद खुशी हुई है।