संवाददाता जामताड़ा
सरकारी राशि गबन के मामले में शिक्षा विभाग पर डीसी कि निगाहे टेढ़ी हो है. जिला के कुंडहित प्रखंड के बीईईओ और एक पारा शिक्षक पर प्राथमिकी दर्ज करने के साथ राशि वसूली के लिए सर्टिफिकेट केस करने का आदेश जारी किया है. नियमों को ताख पर रखकर पारा शिक्षक को प्रतिनियुक्त कर बीईईओ ने राशि का उठाव किया.
मामला जामताड़ा के कुंडहित प्रखंड अंतर्गत शिक्षा विभाग के असैनिक कार्य से जुडा हुआ है. जिसमे ४,९९,२७८ रुपये के गबन का मामला प्रकाश में आया है. प्रखंड अंतर्गत ४ विद्यालय भवन का निर्माण किया जान था, योजना वर्ष २०११-१२ एवं २०१२-१३ का है. निर्माण के लिए बतौर अग्रिम २१,३३,८४० रुपये कि निकासी परा शिक्षक वीरेंदर नाथ साधू के नाम पर निकासी कि गई. जिसमे १६,३४,५६२ रुपये का काम किया गया है. जबकि शेष राशि ४,९९,२७८ रुपये अब तक विभाग को जमा नहीं किया है. वही विभाग कि ओर से राशि समंजन को लेकर दर्जनों बार पत्राचार किया जा चूका है.
मामला सामने आने के बाद जब जांच किया गया तो पता चला कि उक्त परा शिक्षक कि प्रतिनियुक्ति विधान सम्मत नहीं है. तत्कालीन बीईईओ छविलाल शाह ने गलत तरीके से उक्त पारा शिक्षक प्रतिनियुक्त कर राशि का उठाव किया है. विभागीय निर्देह के बाद राशि नहीं लौटने के कारण डीसी शशिरंजन सिंह के निर्देह पर डीएसई ने वर्तमान बीईईओ को दोनों पर एफआईआर दर्ज करने के साथ रीकवरी के लिए सर्टिफिकेट केस करने का निर्देश दिया है.
रिपोर्ट:
अजीत कुमार
जामताड़ा
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