जमशेदपुर।18 मार्च
शनिवार को शास्त्रीय संगीत को समर्पित संस्था “समागम” , जमशेदपुर के तत्वाधान में लखनऊ घराना के हिंदुस्तान के सुप्रसिद्ध तबला वादक स्वर्गीय खलीफा आफाक़ हुसैन खान जी के स्मृति में माइकल जॉन प्रेक्षागृह में“वार्षिक संगीत समारोह” का आयोजन धूम धाम से किया गया Iसमारोह का उद्घाटन स्वर्गीय खलीफा आफाक़ हुसैन खान जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया , दीप प्रज्ज्वलन मुख्य अतिथि भारतीय जीवन बिमा निगम , जमशेदपुर क्षेत्र के वरिष्ठ मंडल प्रबंधक श्री रत्नाकर पट्टनायक के द्वारा किया गया तत्पश्चात कार्यक्रम के प्रारंभ में पहले प्रख्यात सारंगी वादक पंडित रमेश मिश्र के अकस्मात निधन में 2 मिनट का मौन का मौन रखकर भावभीनी श्रधांजलि दी गयी I
कार्यक्रम में पहला संगीत शहर के सुप्रसिद्ध शास्त्रीय संगीत गायक श्री नीलांजन मित्रा ने बिखेरा अपनी मखमली आवाज़ की जादू उन्होंने राग यमन में एक ताल विलंभित – सुमिरन करूँ मै तोरी…… , द्रुत ख्याल में तीन ताल विलंभित सखी आई रे आयली पिया बिना ………. जैसे एक से एक बढ़कर संगीत पेश किया उनके संगीत से उपस्थित श्रोता उनके सुरों में बह गए तबले पर श्री प्रदीप भट्टाचार्जी एवं हारमोनियम में श्री बिरेन्द्र उपाध्याय का सरहानीय संगत रहा तत्पश्चात तबला वादन के प्रतिष्ठित कलाकार के याद में आयोजित इस कार्यक्रम में “ना धिन धिन ना” के जादूगर कहे जाने वाले लखनऊ घराने के प्रसिद्ध तबला वादक स्वर्गीय खलीफा आफाक़ हुसैन खान जी के शिष्य पंडित तिमिर रॉय चौधरी ने एकल तबला वादन पेश किये उन्होंने अपने घराना के विशेष बोल …. पेशकार , कायदा , चलन तथा तीन ताल के टुकड़ों के साथ रेला, खंड, और कई स्वरचित बंदिशों को पेश कर श्रोताओं को मुग्ध कर दिया पूरा प्रेक्षागृह सारंगी एवं तबले की आवाज़ से गूंज उठा । सारंगी परपंडित राम कुमार मिश्र ने सराहनीय संगत किये I
कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति किराना घराना के सुप्रसिद्ध सरोद वादक श्री शुभ्रांशु भट्टाचार्जी ने दी उन्होंने सरोद पर राग रागेश्वरी और खमाज बजाकर मन को झंकृत कर दिया एवं तबले पर कृष्णेंदु पाल की संगत ने संगीत संध्या को चार चाँद लगा दिया I
शहर के लोगो में शास्त्रीय संगीत के प्रति समर्पण को देखने ही बन रहा था पूरा प्रेक्षागृह श्रोताओं से भरा हुआ था एवं शास्त्रीय संगीत की परंपरा को बचाने के लिए योगदान देने वाले कलाकारों और कला प्रेमियों के लिए आयोजित संगीत कार्यक्रम में श्रोताओं के रूप में भी कई कलाकार उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में सचिव देबअर्घ्य रॉय , प्रदीप भट्टाचार्जी , पूर्वी घोष , अरूप बनर्जी , प्रज्ञा बनर्जी , कृष्णेंदु कर्मकार , सत्य शिकदार , अमरेश बनर्जी , बिद्युत बोस , प्रतिम बनर्जी , मुकेश राय एवं संस्था के सभी सक्रिय सदस्यों का सहयोग रहा I
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