सुकमा।
जिले में नक्सली हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 11 जवानों की मौत हो गई है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, जवान इस इलाके में अवरुद्ध सड़कों को खाली करने के काम में जुटे थे. तभी उनपर घात लगाकर हमला किया गया.
सुकमा के दुर्गम भेज्जी इलाके में नक्सलियों द्वारा किए गए धमाके में गश्त पर निकले 11 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए. घटना में 3 से ज्यादा जवानों के घायल होने की भी सूचना है. जानकारी के मुताबिक, सीआरपीएफ 219 बटालियन के करीब 100 जवान रोड ओपनिंग के लिए निकले थे. इस दौरान इंजरम और भेज्जी के बीच कोत्ताचेरू में नक्सलियों ने घात लगाकर आईईडी ब्लास्ट किया और गोलियां बरसानी शुरू कर दी.
हमले में 11 जवान शहीद हो गए और तीन जवान गंभीर रूप से घायल हो गए. घायल जवानों को इलाज के लिए हेलिकॉप्टर द्वारा रायपुर भेजा जा रहा है. हमले के दौरान जवानों द्वारा की गई जवाबी फायरिंग में दो नक्सलियों के मारे जाने की भी सूचना है लेकिन फिलहाल किसी का भी शव नहीं बरामद नहीं किया गया है.
सूत्रों के मुताबिक, सूचना यह भी है कि घटना के बाद नक्सली सीआरपीएफ जवानों के 10 हथियार लेकर भागने में सफल हो गए. जिनमें इंसास राईफल भी शामिल है.
सीएम डॉ रमन सिंह ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि नक्सलियों के पैर उखड़ रहे हैं, इसलिए उन्होंने इस कायराना करतूत को अंजाम दिया. मुख्यमंत्री ने यह भी पुष्टि की कि घटनास्थल पर अतिरिक्त बल भेज दिया गया है और सर्चिंग जारी है. घायल जवानों के देखने के लिए मुख्य मंत्री एवं आला अधिकारी जा सकते हैं.
बड़ी नक्सली वारदातें एक नजर में
-नक्सलियों ने 11 मार्च 2014 को इसी तरह टाहकवाड़ा में सीआरपीएफ की टीम पर हमला किया था,जिसमें 16 जवान शहीद हो गए थे.
-सितम्बर 2005 में गंगालूर रोड पर एंटी-लैंडमाइन वाहन के ब्लास्ट – 23 जवान शहीद हुए थे.
– जुलाई 2007 में एर्राबोर अंतर्गत उरपलमेटा एम्बुश में 23 सुरक्षाकर्मी मारे गए.
– अगस्त 2007 में तारमेटला में मुठभेड़ में थानेदार सहित 12 जवान शहीद हुए.
– 12 जुलाई, 2009 को जिला राजनांदगांव में एम्बुश में पुलिस अधीक्षक वीके चौबे सहित 29 जवान शहीद हुए. इसी प्रकार नारायणपुर के घौडाई क्षेत्र अंतर्गत कोशलनार में 27 सुरक्षाकर्मी एम्बुश में मारे गए थे.
– 6 अप्रैल 2010 को ताड़मेटला में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए.
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