राष्ट्रपति ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के हीरक जयंती के अवसर पर सीआरपीएफ के थीम सांग का उद्घाटन किया।


उन्होंने आतंकवाद के संकट से निपटने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी, खुफिया जानकारी के इस्तेमाल और लोगों के सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि विश्व के अन्य देशों के समान भारत को भी आतंकवाद की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। आज यहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की हीरक जयंती के अवसर पर उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ ने अपनी स्थापना के 75 वर्षों में राष्ट्र की महत्वपूर्ण सुरक्षा एजेंसी के रूप में काम किया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी, खुफिया जानकारी के इस्तेमाल और लोगों के सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने इस अवसर पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की विषय धुन अर्थात् थीम सांग का विमोचन किया।
बल की स्थापना 27 जुलाई, 1939 को शाही प्रातिनिधिक पुलिस के रूप में हुई थी जबकि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के रूप में इसका पुनर्गठन 28 दिसंबर, 1949 को किया गया। उन्होंने कहा कि यह विश्व में सबसे बड़ा अर्द्धसैनिक बल है जिसने आंतरिक सुरक्षा की अनेक महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान किया है।
राष्ट्रपति ने श्री जावेद अख्तर को विशेष रूप से बधाई दी जिन्होंने विषय गीत की रचना की है। उन्होंने कहा कि यह गीत इस बल के सभी जवानों को प्रेरित करेगा।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की सराहना करते हुए श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सीआरपीएफ राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा का प्रहरी है। उन्होंने इस बल के उन जवानों को बधाई दी जिन्होंने अपनी कर्तव्यनिष्ठा और प्रतिबद्धता के बल पर सीआरपीएफ का गौरव बढ़ाया है।