जमशेदपुर।


इन दिनो जादूगोड़ा थाना क्षेत्र का फॉरेस्ट एरिया पत्थर माफियाओ के लिए स्वर्ग बन गया है , अवैध खनन का आलम यह है की पूरे वन क्षेत्र मे जहां तहां अवैध रूप से खनन कर कीमती पत्थरो को जादूगोड़ा के रास्ते से हाता एवं गमहरिया भेजा जा रहा है और इसके लिए खनन माफियाओ द्वारा बहुत ही हाइटेक तरीका अपनाया जा रहा है माफियाओ द्वारा पहले फॉरेस्ट क्षेत्र से पत्थर को ग्रामीण मजदूरो से तुड़वाया जाता है और कभी कभार जेसीबी का भी उपयोग किया जाता है इसके बाद उस पत्थर को लिज़ क्षेत्र का बताकर उसे जंगल से बाहर भेजा जाता है और यह सब अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है ।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के ग्रामीण जिला अध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा ने बताया की जिन लोगो द्वारा भी पत्थर का खनन करवाया जा रहा है किसी का भी अपने नाम से लिज़ नहीं है ये लोग भोले भाले ग्रामीणो के नाम पर लिज़ लिए हुए है और अगर एक एकड़ का लिज़ मिला हुआ है तो पाँच एकड़ मे खनन किया जा रहा है और सभी लिज़ जंगल से बिलकुल सटे हुए है दूसरी बात यह है की किसी के पास प्रयावरण क्लियरेंस नहीं है और जंगल से खनन होने के कारण प्रयावरण को गंभीर नुकसान हो रहा है साथ ही सरकारा को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है उन्होने बताया की मुसाबनी के बागजाता से जादूगोड़ा के भोंडाफोल , कुलामारा , पाटकिता , पोंडा कोचा , बड़ा झरना हिल , जुलुम झोपड़ी आदि क्षेत्रो से बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जा रहा है ।
आश्चर्य की बात यह है की इतने बड़े स्तर पर अवैध खनन होने की जानकारी के बावजूद भी संबन्धित विभाग मौन धारण किए हुए है ।
सामाजिक सह आरटीआई कार्यकर्ता सोनू कालिंदी ने जब वन विभाग से सूचना अधिकार के तहत यह जानकारी मांगी की पत्थरो के खनन के लिए प्रयावरण विभाग की मजूरी की जरूरत है की नहीं तो उन्हे वन विभाग से जानकारी मिली की प्रयावरण विभाग हमारे अंतर्गत नहीं है और इसी प्रकार लिज़ के संबंध मे लिखा गया है की खनन विभाग से जानकारी मांगे , अब फॉरेस्ट के बोर्ड मे वन एवं प्रयावरण विभाग क्यों लिखा रहता है यह समझ से बाहर है ।
सोनू कालिंदी ने कहा की वो पिछले चार वर्षो से अवैध खनन के खिलाफ मुहिम छेड़े हुए है लेकिन इसमे सरकारी अधिकारियों का सहयोग नहीं मिल रहा है और सूचना मांगने पर अधूरा या फिर सूचना दिया ही नहीं जाता है उन्होने कहा की सिर्फ एक दिन तत्कालीन एसडीपीओ नरेश कुमार ने 2013 मे अभियान चलाया था जिंसमे पाँच डंपर पकड़े गए थे जो आज तक जादूगोड़ा थाना मे है लेकिन आश्चर्य की बात यह है की वन विभाग को यह दिखाई नहीं देता है और उनके बाद अभी तक किसी अधिकारी ने इन माफियाओ पर कोई कारवाई नहीं की है और इसी का नतीजा है की माफिया अब अपने आपको कानून से बड़ा समझने लगे है और विरोध करने वालो को खुलेआम धमकी देते है ।
बुधवार को जादूगोड़ा पहुंचे सांसद विद्युत वरन महतो ने भी अवैध खनन पर गंभीर होते हुए फॉरेस्ट के कर्मचारी से कहा की अगर अवैध खनन पर लगाम नहीं लगा तो कड़ी कारवाई की जाएगी , अब देखा यह है की सांसद की घुड़की के बाद संबन्धित अधिकारियों पर क्या प्रभाव पड़ता है ।
अशोक विश्वकर्मा ने बताया की वे और सांसद शनिवार को झारखंड के चीफ फॉरेस्ट ऑफिसर से मिलकर इस संबंध मे जानकारी देंगे और कारवाई की मांग करेंगे अशोक ने बताया की इससे पहले अवैध खनन के संबंध मे थाना प्रभारी एवं अन्य अधिकारियों से लिखित शिकायत की गयी है ।