पार्किग की व्यवस्था नहीं होने के कारण हमेशा बनी रहती हैं रोड़ जाम की स्थिति
भारतीय स्टेट बैंक जुगसलाई शाखा
जमशेदपुर। भारतीय स्टेट बैंक जुगसलाई शाखा (जुगसलाई फाटक के पास) प्रबंधन द्धारा मुख्य प्रवेश गेट के सामने दो बड़े जनेरटर रखे रहने से बैंक के ग्राहकों समेत आस-पास के दुकानदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। बैंक आने वाले ग्राहक मजबूरन अपने वाहन को सड़क पर खड़ा करते है, जिसके कारण प्रायः रोड़ जाम की स्थिति बनी रहती हैं। बैंक के मुख्य प्रवेश गेट के सामने जो दो जनेरटर रखे हुए है उसमें एक 5 केभी का एटीएम के लिए और दूसरा 50 केभी का बैंक के लिए हैं।
अपने ग्राहकों को हर तरह की सुविधा देने की बात करने वाले बैंक प्रबंधन द्धारा 45 वर्षो में भी ग्राहकों के वाहनों को खड़ा करने के लिए पार्किग की कोई भी व्यवस्था आज तक नहीं की गयी हैं। बैंक के बगल वाली सड़क पर भी जहां-तहां दोपहिया वाहनों को खड़ा कर दिया जाता हैं, जिससे कि यह सड़क भी जाम हो जाती है। जबकि यह सड़क गौरीशंकर रोड़, गिन्नीबाई धर्मशाला रोड़ और महतो पाड़ा रोड़ को जोड़ती हैं।
इस संबंध में आसपास के दुकानदारों का कहना है कि रविवार को छोड़कर अन्य दिनों में बैंक खुले रहने के दौरान हमेशा रोड़ जाम रहता है, क्योंकि बैंक के आस-पास में वाहनों के पार्किग के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं रहने के कारण लोग सड़कों पर ही अपना वाहन लगा देते हैं। फाटक बंद रहने के दौरान लगभग आधा किलोमीटर तक रोड़ जाम की स्थिति बन जाती हैं। आसपास के दुकानदारों ने यह भी बताया कि पार्किग की व्यवस्था करना तो दूर की बात रही पिछले 2 साल से दो बड़े जनेरटर भी सड़क के किनारे फुटपाथ पर बैंक गेट के सामने रख दिया गया हैं। जनेरटर 2 साल पहले बैंक परिसर में ही पीछे की तरफ था तब इतनी परेशानी नहीं होती थी, जितनी अभी हो रही हैं।
दुकानदारों का यह भी कहना है कि जुगसलाई में रोजाना दिन में 5-6 घंटे बिजली नहीं रहती हैं। इस दौरान जनेरटर चलने से ध्वनि तथा धूंआ प्रदूषण से तो लोग परेशान रहते ही हैं, बड़ा जनेरटर के वायभरषण होने से हमेशा अनहोनी होने की आशांका मन में बनी रहती हैं। दुकानदारों ने बताया कि जिस मकान में बैंक है, वह मकान 1922 में बना हैं। मकान निर्माण के दौरान पीलर भी नहीं दिया गया हैं। जनेरटर के वायभरषण से बैंक को भी खतरा हैं।
पुलिस भी दुकानदारों पर ही बरसाती हैं लाठियां
दुकानदारों ने जुगसलाई पुलिस पर एक आंख में काजल और दूसरे में सूरमा लगाने का आरोप लगाते हुए आगे बताया कि इस रोड़ जाम में जुगसलाई थाना की जीप भी प्रायः फंसती हैं लेकिन पुलिस भी दुकानदारों पर ही लाठियां बरसाती हैं। बैंक के कर्मचारियों एवं ग्राहकों को पुलिस कुछ नहीं बोलती। रोड़ जाम में थाना की जीप फंसने पर रिक्सा एवं ठेला चालकों समेत फुटपाथी दुकानदारों पर ही पुलिस की गाज तब तक गिरते रहती है, जब तक जाम से थाना की जीप नहीं निकल जाती।
पार्किग की सुविधा देना बैंक के नियमों में नहीं- चैधरी
भारतीय स्टेट बैंक जुगसलाई शाखा के मुख्य प्रंबधक अवधेश कुमार चैधरी भी इस बात को मानते है कि पार्किग की व्यवस्था नहीं होने के कारण रोड़ जाम की स्थिति बन जाती है और आसपास के दुकानदार परेशान रहते हैं। श्री चैधरी ने हमारे प्रतिनिधि से बातचीत करते हुए बताया कि बैंक के कर्मचारियों के लिए पार्किग की व्यवस्था हैं। यह बैंक इसी स्थान पर 1972 से हैं। पार्किग की समस्या कोई नयी नहीं है, यह बहुत पुरानी समस्या हैं। बैंक के ग्राहकों के लिए पार्किग की व्यवस्था करने का कोई भी प्रावधान बैंक के नियमों में नहीं हैं। श्री चैधरी के अनुसार ग्राहक अपना वाहन कहां खड़ा करते हैं इससे बैंक प्रंबधन को कोई मतलब नहीं।
उन्होंने यह भी बताया कि बैंक गेट के सामने जो जनेरटर रखा हुआ है, वो सरकारी जमीन पर नहीं बैंक परिसर की फुटपाथ जमीन पर हैं। बैंक के पास सामने में एक नया 100 केभी का ट्रंासफार्मर लगाने के लिए अप्रैल 2015 में विघुत विभाग झारखंड सरकार के पास राशि भी जमा कर दी गयी हैं। एक माह से 50 केभी का एक पुराना जनेरटर गेट के सामने रखा हुआ था जिसे रविवार की रात में हटाकर नया लगा दिया गया हैं। पिछले 2 साल से जनेरटर लगा हुआ है, इसकी शिकायत किसी ने नहीं की हैं, लेकिन आसपास के दुकानदार पार्किग की व्यवस्था करने के लिए उनसे (एके चैधरी) मिले थे। श्री चैधरी ने बताया कि दुकानदार चाहते है कि रेलवे की खाली पड़ी जमीन को घेरकर बैंक प्रंबधन द्धारा पार्किग की व्यवस्था की जाये, जो नहीं हो सकता। श्री चैधरी ने बैंक के नियमों के अनुसार ही सहयोग करने का आश्वासन दुकानदारों को दिया हैं।

