छातापुर (सुपौल )सोनू कुमार भगत । संसार व संस्कार का निर्माण नारी से होती है । कोई भी देश तरक्की के शिखर पर तब तक नहीं पहुँच सकता, जब तक उसकी महिलायें कंधे से कंधा मिलाकर ना चलें । नारी पहले घर की रानी थी ।फिर उत्तम कार्यो में संलग्न होकर समाज कल्याण में प्रबल हुई और आज राजनितिक ,सामाजिक ,प्रसाशनिक सहित सभी क्षेत्र में परचम लहरा रही है । उक्त बातें सुपौल जिला मुख्यालय स्थित बी बी सी कॉलेज परिसर में भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती ” शिक्षक दिवस ” एवं संत मदर टेरेसा की पुण्यतिथि 5 सितम्बर 2016 के अवसर पर नारी सशक्तिकरण के उदेश्य से बाबा बैद्यनाथ चौघारा ट्रस्ट के द्वारा रचित नाटक “नारी शक्ति को सलाम ” के मंचन के अवसर पर लोहिया युथ ब्रिगेड के प्रदेश संयोजक डॉ.अमन कुमार ने कही ।
डॉ. कुमार ने कहा की शिक्षा हर इंसान के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है,जितना की ऑक्सीजन जीवन के लिए आवश्यक है । दुनियां के 40 प्रतिशत बाल विवाह भारत में होते है।49 प्रतिशत लड़कियां का विवाह 18 वर्ष से कम आयु में हो जाती है । भारत में हर तीन मिनट पर महिला के खिलाफ हिंसा से संबंधित एक मामला दर्ज होता है ।हर दिन दहेज से समन्धित 50 मामले सामने आ रहे है ।हर 29 वें मिनट मे पर एक महिला के साथ बलात्कार होता है।इसके लिए लिंगभेद और अशिक्षा सबसे बड़ा कारण है।नाटक के माध्यम से जनचेतना लाने की हरसंभव कोशिश काफी सराहनीय कदम है ।
बी बी सी ट्रस्ट के संस्थापक सचिव स्वाति साधना ने कही की एक वक्त था जब नारी को हम देवी के रूप में पूजते थे ।लेकिन आज महिलाओं की इज्जत को सरेआम नीलाम करने की घिनौना हरकत हो रही है ।नई सदी की नारी के पास कामयाबी के उच्चतम शिखर को छूने की आपार क्षमता है ।”नारी शक्ति को सलाम ” नाटक के माध्यम से कम पढ़े -लिखे लोग भी आसानी से महिला अधिकार,बाल विवाह निवारण कानून,महिला संरक्षण अधिनियम 2005,नारी सशक्तिकरण, नारी शिक्षा, दहेज प्रथा ,लिंग विभेद,कन्या भ्रूण हत्या और परिवार में नारी की महत्व को समझ सकते है । नारी में सही जिंदगी जीने की जज्बा पैदा करना ही संस्था की मुख्य मकसद है ।संस्था संरक्षक नीता कुमारी ने कही की दृढ इच्छाशक्ति एवं शिक्षा ने नारी मन को उच्च आकांक्षाओं, सपनों के सप्तरंग एवं अंतर्मन की परतो को खोलने की नई राह दी है । नारी माँ,बेटी और बहन ही नहीं जीवन का मूल आधार है । हमारे समाज का वास्तविक निर्माता नारी है ।
संस्था के निर्देशक सुधीर मिश्रा ने कहा की नारी को साइबर अपराध, एम एम एस, दफ्तर में छेरछार ,एसिड फेकना जैसी कई तरह की हिंसा का शिकार होना परता है । देश की शान बढ़ाने के लिए नारी का सम्मान करना आवश्यक है ! संस्था सदस्य अमलेश कुमार झा ने कहा की शक्ति के लिए दुर्गा,ज्ञान के लिए सरस्वती,धन के लिए लक्ष्मी,रौशनी के लिए ज्वाला, खुशहाली के लिए अन्नपूर्णा ,स्वभिमान के लिए पार्वती,शांति के लिए संतोषी आदि देवी की पूजा करते है पर सरजमीं पर नारी के साथ पुरुष प्रधान समाज के द्वारा अत्याचार यह बड़ा कलंक है ।
कलाकार जाया झा ने कही की वैश्विक स्तर पर हर 10 महिलाओं में एक महिला अपने जीवन में कभी न कभी शारीरिक या यौन हिंसा का शिकार होती है ।कलाकार प्रतीका कुमारी ने कही कि एक पढ़ी लिखी महिला पुरे समाज की तकदीर बदल सकती है ।उप मुखिया नरेश कुमार राम ने कहा की नारी का अस्तित्व ही सुंदर जीवन का आधार है । कलाकार विजय कुमार ने कहा की एक और देवी की उपासना यह संसार की बिडंबना है नारी है तो कल है ।
कलाकार प्रकाश कुमार,मनीषा कुमारी ,इंदल कुमार के द्वारा नारी शक्ति को सलाम ,आदि शक्ति है नारी ,धन्य-धन्य नारी जीवन,कोमल है कमजोर नहीं तू ,नारी शक्ति महान,नारी शक्ति बदले पूरा युग की धारा आदि गीत गाकर कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए । कलाकार में हरिनन्दन कुमार ,अवधेश कुमार ,आरती कुमारी,मनीषा कुमारी, अंजलि कुमारी ,राजा कुमार, सुनील कुमार ठाकुर ,मुकेश कुमार झा,बाल मुखिया अमर कुमार झा आदि भी शामिल थे ।
