
ललन कुमार-
शेखपुरा।
बिहार सरकार का स्वास्थ्य विभाग का बुरा हाल शेखपुरा के सदर अस्पताल में देखने को मिला ।यूँ तो सरकार आम लोंगों के स्वास्थ्य और अस्पताल की बुनियादी सुविधाओं पर करोड़ों रूपये खर्च कर आम लोगों को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का बड़ी बड़ी दावे करती है ।लेकिन सरकार के इन दावों का पोल सदर अस्पताल में भर्ती मरीज ने इन वीडियो के माध्यम से खोलकर रख दी है ।अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीज अंजना के परिजनों ने कहा कि वह अपनी सास का इलाज कराने सदर अस्पताल शेखपुरा में आई है ।सोमवार को उनके मरीज को भर्ती कराये 7 दिन हो गए ।यहां न तो रात में ठण्ड से बचने के लिए कम्बल मिल रही है और न बेड पर बिछावन ही मिल रहा है ।दवा भी अस्पताल में नहीं दी जा रही है ।दवा भी प्राइवेट दूकान से खरीद करना पड़ रहा है ।रात में मच्छरदानी भी मच्छर से बचाव के लिए उपलब्ध नही करवाया जा रहा है ।ऐसा भी नही की उन्ही को केवल सुविधा नहीं मिल रही है ।यहां भर्ती मरीजों में किसी को भी ये सारी सुविधा नही मिल रही है । मच्छर दानी और कम्बल तो स्टॉक रुम का शोभा बढ़ा रहा है ।वहीं दूसरी ओर अस्पताल सूत्रों ने बताया कि सदर अस्पताल में दूसरे प्राइवेट अस्पतालों के दलालों का प्राइवेट एम्बुलेंस वाहन भी अस्पताल परिसर में छिपाकर रखा जाता है ।वे ही एम्बुलेंस वाहन चालक निर्धारित कमीशन पर सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों को बरगलाकर अन्य प्राइवेट अस्पतालों में लेकर चले जाते हैं जिससे मरीज सब चीज लुटवा बैठते हैं ।सदर अस्पताल में मरीजों की सुविधा के नाम पर अस्पताल के मुख्य गेट पर “में आई हेल्प यू” का शीशे का केविन जरूर बना दिया गया है लेकिन एक दिन भी केविन में सहायता कर्मी नजर नही आये । वहीं सदर अस्पताल में दवाई रहे या न रहे ,मरीजों का इलाज हो या न हो हर दिन सदर अस्पताल में सैकड़ो मरीजों का एक्स रे और अल्ट्रा साउंड धड़ल्ले से किये जा रहे हैं। सरकार ने मरीजों को ये सुविधा निःशुल्क दी है जबकि इसके एवज में एल्ट्रासाउंड के संचालक को प्रति एक्स रे और एल्ट्रासाउंड में 75 रुपए से लेकर 300 रूपये कमीशन सरकार द्वारा दी जाती है ।इस मामले में सीएस से मोबाइल संपर्क साधने पर संपर्क नही हो पाने से उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई ।
