JHARKHAND में मदिरालय खुले लेकिन देवालय पर अब भी लागू है पाबंदी, ब्राह्मण युवा शक्ति संघ ने डीसी को सौंपा ज्ञापन, किया शंखनाद

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कोरोना के कारण पूर्वी सिंहभूम सहित समूचे झारखंड में बंद पड़े मंदिरों को खुलवाने के लिए ब्राह्मण युवा शक्ति संघ ने आंदोलन का बिगुल फूँक दिया है। बुधवार को ब्राह्मण युवा शक्ति संघ के संस्थापक अध्यक्ष अप्पु तिवारी की अगुआई में विभिन्न मंदिरों के पुजारियों ने एकजुट होकर जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए अविलंब मंदिरों को खोलने की अनुमति के लिए निवेदन किया। ज्ञापन के माध्यम से सरकार का ध्यानाकर्षित कराते हुए बताया गया कि पुजारियों की हालत बिगड़ गई है। वित्तीय रूप से अत्यंत कमज़ोर हो चुके हैं। पूजा-पाठ कराकर आजीविका चलाना ही पुजारियों की दिनचर्या है, लेकिन कोरोना को लेकर झारखंड सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस में मंदिरों और पुजारियों को लगतार उपेक्षित रखा गया है। देश के विभिन्न राज्यों में बड़े मंदिर खुल चुके हैं, किंतु झारखंड में पुजारी लगातार सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं। ब्राह्मण युवा शक्ति संघ ने कहा कि ना तो सरकार ब्राह्मणों को गुजारा भत्ता दे रही है, और ना ही मंदिरों को खोलने की अनुमति मिल रही हैं। ब्राह्मण युवा शक्ति संघ के अध्यक्ष अप्पु तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता को ब्राह्मणों के हितों में चिंता करनी चाहिए। कई ब्राह्मण दाने दाने को मोहताज हैं। आर्थिक तंगी के कारण कईयों के सामने आत्महत्या करने जैसी स्थिति उतपन्न हो रही है। समय रहते सरकार को इस सम्बंध में उचित हस्तक्षेप करनी चाहिए। अप्पु तिवारी ने कहा कि अपरिपक्वता और उपेक्षा का आलम यह है कि झारखंड में मदिरालय खुले हैं, किंतु देवालयों को हेमंत सरकार ने बंद रखा है। कोविड के प्रभाव के बाद अब स्थिति सामान्य हो रही है लेकिन पुजारियों और मंदिरों के प्रति सरकार और प्रशासन के अलावे राजनीतिक पार्टियों की भी चिंता नहीं हैं। इधर ज्ञापन सौंपने पहुँचें पुजारियों ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर शंखनाद कर के कुम्भकर्णी निंद्रा के सो रही सरकार को जागृत करते हुए अविलंब निर्णय लेने का माँग किया, अन्यथा की स्थिति में ज़ोरदार आंदोलन की चेतावनी दी गई। इस दौरान विशेष रूप से अप्पु तिवारी, दिलीप पांडेय, अभिषेक ओझा, अरुण शुक्ला, जनार्दन तिवारी, नीरज दूबे, विजय ओझा, भूषण पांडेय, घनश्याम मिश्रा, अनिल पांडेय, ,साकेत पांडेय,भूषण पांडेय,हर्ष पांडे,रितिक चौबे,श्याम मिश्रा,सुदामा मिश्रा,राममाषंकर मिश्रा,सतीश झा,प्रभाकर पांडेय,सौभिक ओझा,निहाल दुबे,विजय झा,इंद्रजीत पांडेय,सूरज ओझा, सहित काफी संख्या में ब्राह्मण एवं पुजारी मौजूद रहें।

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