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Shreeleathers की शुरुआत कोई आम बिजनेस आइडिया नहीं था, बल्कि यह एक सोच थी – आत्मनिर्भर भारत की। 1930 के दशक में अंग्रेजी हुकूमत के दौरान, जब जूते पहनना अभिजात वर्ग की पहचान थी, तब सुरेश चंद्र डे ने यह सपना देखा कि एक दिन आम भारतीय भी मजबूत और सस्ते जूते पहन सकेगा।
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1952 में रखा गया मजबूत आधार
इस सपने ने साकार रूप लिया 1952 में जमशेदपुर से, जब Shreeleathers का पहला स्टोर शुरू हुआ। मकसद था – हर भारतीय को टिकाऊ, सुंदर और सस्ते जूते उपलब्ध कराना। छोटे से स्टोर से शुरू हुआ यह सफर आज देश के सबसे बड़े फुटवियर ब्रांड्स में से एक बन गया है।
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कोलकाता का शोरूम: भीड़ से बनी पहचान
Shreeleathers की लोकप्रियता उस समय और बढ़ी जब कोलकाता के न्यू मार्केट में कंपनी ने अपना स्टोर खोला। त्योहारों के समय वहां की भीड़ अपने आप में एक कहानी है — घंटों की लाइन, इंतजार और अंत में संतुष्टि से भरे चेहरे। यही है Shreeleathers की असली जीत।
देश से लेकर विदेश तक
आज Shreeleathers सिर्फ जूते तक सीमित नहीं है। अब यह ब्रांड बेल्ट, बैग, पर्स और अन्य एक्सेसरीज़ भी बनाता है। दिल्ली, रांची, पटना, लखनऊ, हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर जैसे शहरों में इसके स्टोर हैं, जबकि बाकी इलाकों तक यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए पहुंचता है।
ब्रांड की फिलॉसफी: “World Class, Right Price”
Shreeleathers का विश्वास एक सीधी सी बात में है — अच्छी चीज बने, सही दाम पर मिले। यही वजह है कि यह ब्रांड मध्यम वर्गीय भारतीयों के दिल में अपनी खास जगह बना चुका है। यह केवल एक कंपनी नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, भरोसे और भारतीय सोच की पहचान बन चुका है।

