सरायकेला-खरसावाँ : जिले में अफीम की अवैध खेती को रोकने और वैकल्पिक कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्री-कल्टीवेशन ड्राइव चलाया जा रहा है। इस अभियान का नेतृत्व जिला पुलिस द्वारा किया जा रहा है और इसके तहत आम जनता को विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जा रहा है। अभियान का मुख्य उद्देश्य वर्तमान फसलीय वर्ष में जिले में अफीम की अवैध खेती की संभावना को नगण्य करना है।
अभियान के तहत 17 सितंबर, 2025 को कई क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। कुचाई थाना क्षेत्र में दामादिरी गाँव, दलभंगा ओपी क्षेत्र में लिपिजारी, गुटुहातु एवं पतराडीह गांव और ईचागढ़ थाना क्षेत्र में कुंद्रिलोंग गांव में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की उपस्थिति में अफीम की अवैध खेती और विक्रय निषेध पर चर्चा की गई।
स्थानीय थाना प्रभारी ने ग्रामीणों को उनके स्थानीय भाषा में अफीम के दुष्प्रभाव, स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नुकसान और संबंधित कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी। ग्रामीणों को यह भी बताया गया कि अफीम की अवैध खेती गंभीर अपराध है और इसके लिए कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अभियान में ग्रामीणों को अवैध खेती की जगह वैकल्पिक कृषि अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। इस पहल का उद्देश्य किसानों को कानूनी जोखिम से बचाना और उन्हें फलदायी, सुरक्षित तथा स्थायी खेती की ओर प्रोत्साहित करना है। इसके साथ ही प्रशासन ने किसानों को तकनीकी सहायता, उचित बीज और कृषि प्रशिक्षण प्रदान करने की भी योजना बनाई है।
जिला पुलिस ने कहा कि यह अभियान केवल अफीम की अवैध खेती रोकने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से सामाजिक जागरूकता भी बढ़ाई जा रही है। ग्रामीणों के सहयोग से यह अभियान क्षेत्र में अपराध और अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण पाने में मदद करेगा।
पुलिस विभाग ने अपील की है कि सभी ग्रामीण इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें और अफीम की अवैध खेती के संबंध में किसी भी जानकारी के लिए अपने स्थानीय थाना से संपर्क करें। जिला प्रशासन का मानना है कि जागरूक और सहयोगी ग्रामीण ही इस अभियान की सफलता की कुंजी हैं।

