सरायकेला। मंगलवार को चाइल्ड हेल्पलाइन सरायकेला की ओर से राजनगर स्थित कस्तूरबा गांधी उच्च विद्यालय और राज्य संपोषित +2 उच्च विद्यालय में बाल अधिकार जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बच्चों को बाल विवाह, बाल श्रम, बाल संरक्षण कानून और चाइल्ड हेल्पलाइन सेवाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बाल कल्याण समिति, सरायकेला के सदस्य एस. ए. हैदर ने बताया कि कानून के अनुसार लड़कियों की विवाह योग्य आयु 18 वर्ष और लड़कों की 21 वर्ष निर्धारित है। इससे कम उम्र में विवाह कराना बाल विवाह की श्रेणी में आता है, जो दंडनीय अपराध है। उन्होंने कहा कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से किसी भी प्रकार का काम कराना बाल श्रम माना जाता है और इसके लिए भी कानून में सजा का प्रावधान है।
एस. ए. हैदर ने यह भी बताया कि सरकार जरूरतमंद बच्चों के लिए स्पॉन्सरशिप योजना संचालित कर रही है। इस योजना के तहत उन बच्चों को—जिनके माता-पिता में से एक या दोनों नहीं हैं—बाल कल्याण समिति की ओर से चार हजार रुपये प्रतिमाह सहायता राशि दी जाती है, ताकि उनके पालन-पोषण और शिक्षा में बाधा न आए।
कार्यक्रम में चाइल्ड हेल्पलाइन की प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर कविता मिश्रा ने बच्चों को हेल्पलाइन नंबर 1098 का महत्व समझाया। उन्होंने डेमो के माध्यम से बताया कि आपात स्थिति में बच्चे या उनके परिजन इस नंबर पर कॉल करके तुरंत सहायता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि 1098 पूरी तरह से नि:शुल्क, गोपनीय और 24×7 उपलब्ध सेवा है।
इस अवसर पर परामर्शदाता मंगली मार्डी, समीर कुमार महतो, विश्वजीत सिंह मोदक तथा विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने बाल अधिकारों से जुड़े कई प्रश्न पूछे, जिनका विशेषज्ञों द्वारा विस्तृत समाधान दिया गया।
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