नीतीश के हर घर शौचालय योजना पर लगा ग्रहण।
शेखपुरा.ललन कुमार(22दिसम्बर). बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निश्चय यात्रा पर 30 दिसम्बर को शेखपुरा आ रहे हैं ।उनके आगमन को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा चेबाड़ा को सजाया संवारा जा रहा है । वहीं चेबाड़ा पंचायत की कुछ महिलाएं जिला प्रशासन द्वारा सरकारी तौर पर चेबाड़ा पंचायत को खुले में शौचमुक्त घोषित करने का भंडाफोड़ सीएम के सामने करने को आतुर देखी जा रही है । महिलाओं में चेबाड़ा की सुनीता देवी,रूबी देवी,फूलवती देवी सुनीता देवी,बहुआरा गाँव की गिरिजा देवी ने कहा कि सरकारी तौर पर चेबाड़ा को खुले में शौचमुक्त घोषित तो कर दिया गया है ।इसके बावजूद भी चेवाड़ा में बड़ी संख्या में सुबह -शाम लोग खुले में शौच जाने को विवश है ।इसकी वजह का खुलासा करते हुए उक्त महिलाओं ने कहा कि चेबाड़ा पंचयात में गरीब लोंगो को शौचालय बनवाने के लिए 1000-1500 रूपये खर्च के तौर पर वसूल तो कर लिये गए हैं। इसके बाद भी ऑफिस का चक्कर उन्हें लगाना पड़ रहा है ।फिर भी घर में शौचालय नही बन पा रहा है।बड़े बड़े लोग जिनके घरों में पहले से शौचालय बना है उसी निर्मित शौचालय को दिखाकर शौचालय निर्माण का पैसा उठा रहे है ।गरीब लोगों को तो गड्ढा खुदवा लेने के बाद भी काफी दौड़ाया जाता है ।हार कर शौचालय का उम्मीद छोड़ कर लोगों को खुले में शौच के लिए सड़क की किनारे सुबह -शाम जाना पड़ रहा है ।महिलाओं ने कहा कि चेबाड़ा में नीतीश कुमार तो आ ही रहे हैं न ।वे लोग उन्ही के सामने शौचालय निर्माण में हो रही लूट का भंडाफोड़ करेंगी ।
चेबाड़ा की महिलाएं चेबाड़ा को खुले में शौच मुक्त करने के जिला प्रशासन के दावे की पोल खोल कर रख दी है ।महिलाएं किस प्रकार शौचालय निर्माण के लिए आक्रोशित है ।इसका वीडियो भी देखा जा सकता है । चेवाड़ा को खुले में शौचमुक्त तो घोषित कर दिया गया है ,लेकिन इसकी हकीकत खुलकर कर सामने आ रही है।गौरतलब है कि केन्द्र सरकार द्वारा चलाये गये स्वच्छता अभियान के तहत शहर से लेकर गांव तक खुले में शौच मुक्त करने के लिए बडे बडे कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं तथा लोगो को खुले में शौच सें होने बाली बिमारी के बारे में बताया जा रहा है । टीवी के माध्यम से और गांव गांव में बडे बडे होडिंग लगाकर लोगों को खुले में शौच को लेकर जागरूक किया जा रहा हैं । इतना ही नही घरों में शौचालय बनाने के बाद 12 हजार का अनुदान भी दी जा रही है । जिसमे करोडों खर्च के बावजूद इसमें सफलता नही मिल रही है। आज भी लोग खुले में शौच जाने को मजबूर है
स्वच्छता अभियान के तहत वर्ष 2015 में ही चेवाडा पंचायत को खुले में शौच मुक्त के लिए चुना गया था काफी जोर शोर सें प्रचार- प्रसार भी किया गया । जिसमें करोडों रुपये खर्च भी किये गये। सात से आठ महीने के अंदर ही दिसम्बर 2015 में चेबाडा पंचायत को खुले में शौच मुक्त पंचायत घोषित कर दिया गया। लेकिन हकीकत कुछ और ही है। आज भी वहां के लोग खुले में शौच जाने को मजबूर है । सुबह हो या शाम ,महिला हो या पुरुष , सड़क के किनारे शौच जाने को मजबूर है।ऐसे में ये बात जोरो से उठाई जा रही है कि कागज पर ही जिला प्रशासन द्वारा चेवाड़ा को निर्मल ग्राम घोषित कर दिया गया है ।
वहीं जमुई के लोजपा सांसद ने इस पुरे मामले में बिहार सरकार से जांच करा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है ।
अधिकारी की माने तो चेवाड़ा पंचायत के कुल पांच गांव बहुआरा ,चिन्तामनचक, श्रवण बिघा, राकड और चेवाडा के कुल लगभग दो हजार परिवार के पास शौचालय उपलब्ध करा दिए गए है।जिसमे अधिकाँश लोगों ने खुद के पैसे से शौचालय खुद बनाई है। वहीँ ग्रामीणो का कहना है कई बडे लोगो के घरों मे पहले से ही शौचालय था। सरकारी एनजीओं द्वारा अधिकाँश वैसे लोगों के यहाँ बनाया गया जिनकी पैरवी थी या फिर जिन्होंने नज़राना दिया।लेकिन वैसे जरुरतमंद लोगो के घरों में शौचालय नही बनाया गया जिनके पास कोई पैरवी नही थी और न ही नजराना देने के लिए सक्षम थे। ग्रामीणों की माने तो बड़ी संख्या में जरूरतमंदों को तरह तरह का बहाना बना कर टरका दिया गया है और स्वच्छता के नाम पर खुले में शौच मुक्त पंचायत बनाने के नाम पर अधिकारीयो ने जम कर सरकारी राशि का लुट खसोट किया है ।जिसका नतीजा है कि चेबाड़ा को खुले में शौच मुक्त घोषित किए जाने के बावजूद आज भी बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुष खुले में शौच जाने को विवश है ।इस तरह नीतीश कुमार के “हर घर शौचालय , घर का सम्मान योजना पर ग्रहण लगता दिख रहा है ।
वहीं इस मामले में प्रभारी डीएम निरंजन कुमार झा ने कहा कि ऐसी कोई शिकायत उनके पास नहीं आई है। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जायेगी ।
