रांची/नई दिल्ली। खाद्य एवं संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने आज दिल्ली पर्यावरण भवन मे मंत्री अनिल दवे से मुलाकात की. दोनों के बीच झारखंड की पर्यावरण एवं प्रदूषण की समस्या पर वार्ता हुई. मंत्रालय द्वारा सारंडा के कैरिंग कैपेसिटी ( प्रदूषण भार वहन क्षमता) अध्ययन के बारे मे विशेष बात हुई. २०१२ मे राँची हाईकोर्ट मे दायर अपने पीअाईएल में श्री राय ने यह अध्ययन कराने का निवेदन किया था जिसमें भारत सरकार का पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को भी प्रतिवादी बनाया था. मंत्रालय का यह अध्ययन पूरा हो गया है. मंत्रालय ने इस पर राज्य सरकारों से राय माँगा है. श्री राय ने पर्यावरण मंत्री को धन्यवाद दिया कि इस अध्ययन प्रतिवेदन मे सारंडा के विविध पहलुओं पर विचार हुआ है. रिपोर्ट स्वीकार किये जाने योग्य है. इसमे खनन के प्रति काफी लचीला रुख़ अपनाया गया है. वन्य जीवों के संरक्षण, जैव विविधता के संवर्द्धन और वनों की सुरक्षा का भी ख़याल रखा गया है. यह एक सराहनीय एवं स्वीकार योग्य है.
सरयू राय ने गंगा नदी की स्थिति और दामोदर सहित झारखंड की उन सभी नदियो, जो गंगा जलग्रहण क्षेत्र में आती हैं, की जल गुणवता सुधारने की ओर मंत्री का ध्यान खींचा.
उन्होंने पूर्वी भारत के राज्यों मे विकास एवं पर्यावरण मे तालमेल बिठाने पर विचार करने के लिये आगामी १७ और १८ दिसंबर को रांची में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार मे भीग लेने के लिये श्री दवे को आमंत्रित किया. पर्यावरण मंत्री ने श्री राय को आश्वासन दिया कि संसद सत्र मे कोई अावश्यक व्यस्तता नही हुई तो वे जरुर आयेंगे.
श्री राय ने श्री दवे को युगांतर प्रकृति मासिक पत्रिका की प्रति भी भेंट की जिसको पढ़ने के बाद उन्होंने पत्रिका की काफी प्रशंसा की
