

राजकुमार झा
–सामूहिक अवकाश दूसरे दिन भी रहा जारी
–दूसरे दिन भी ठप रहा आरटीपीएस काउंटर
–मांगे पूरी नहीं होने पर तेज होगा आंदोलन

मधुबनी। बिहार राज्य कार्यपालक सेवा संघ मधुबनी के कार्यपालक सहायको द्वारा बीपीएसएम द्वारा निर्गत पत्र जिसमे कार्यपालक सहायक को बेल्ट्रॉन के तर्ज पर परीक्षा एवं बी एस एफ सी द्वारा कार्यमुक्त कार्यपालक सहायक की सेवा वापसी तथा कार्यपालक सहायक का वेतन विषमता सहित लंबित सात सूत्री मांग को लेकर मंगलवार को दूसरे दिन भी कार्यपालक सहायको ने समाहरणालय के समक्ष धरना प्रदर्शन जारी रखा। धरना कार्यक्रम का संचालन संघ के जिला अध्यक्ष उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने किया। धरना को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा की स्थाईकरण एवं वेतनमान सहित लंबित सात सूत्री मांगों को लेकर बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ लगातार आंदोलन कर रही है। परंतु सरकार के तानाशाही रवैया के कारण कभी निजी कंपनी के माध्यम से मानदेय वृद्धि का प्रस्ताव रखा जाता है या तो कभी कार्यपालक सहायको को बेवजह कार्य से मुक्त कर दिया जाता है तो कभी महीनों बीत जाने के उपरांत भी मानदेय भुगतान से वंचित रखा जाता है।विदित हो कि जिला पदाधिकारी के लिखित टंकण एवं साक्षात्कार के उपरांत जिला पदाधिकारी द्वारा गठित पैनल से आरक्षण का पालन करते हुए नियमित बहाली की तरह विभिन्न विभागों में कार्यपालक सहायक का नियोजन किया गया है। अब सरकार और निजी कंपनी बेल्ट्रॉन के माध्यम से परीक्षा आयोजित कर कार्यपालक सहायको के नियोजन प्रक्रिया का आधार खत्म करने जा रही है । इसका बहिष्कार मधुबनी जिले के साथ-साथ पूरे बिहार में जोर शोर से किया जा रहा है। यदि इस पत्र को निरस्त नहीं किया गया तो आने वाले समय में आंदोलन का रुख अत्यंत ही तीव्र होगा।
श्री गणपति जिला मंत्री बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने कहा कि कार्यपालक सहायको की समस्या के साथ हमेशा अन्याय एवं भेदभाव होता रहा है। विदित हो की वर्ष 2011 में आईटी सहायक का मानदेय 8000 एवं कार्यपालक सहायक का मानदेय 7000 था। वर्ष 2013 में आईटी सहायक का मानदेय वृद्धि 10,000 किया गया एवं कार्यपालक सहायक का मानदेय
9000 किया गया। इसके बाद 2015 में बिना किसी भी परीक्षा को आयोजित किए आईटी सहायको का मानदेय 17 हजार किया गया एवं कार्यपालक सहायको का मानदेय 11,345 पर ही छोड़ दिया। इतनी बड़ी विषमता के बाद कार्यपालक सहायको द्वारा बार-बार आंदोलन करने के उपरांत भी सरकार अनसुना कर रही है,एवं दूसरी तरफ सरकार कार्यपालक सहायको का कार्यमुक्त के साथ अल्प मानदेय है उसे भी 1 साल से लंबित रखा है। महंगाई के दौर में अल्प मानदेय भोगी कार्यपालक सहायक अपनी न्यूनतम आवश्यकता की पूर्ति के साथ बच्चों की अच्छी शिक्षा और परिवार का भरण पोषण करने स भीे वंचित रख रहे हैं, सरकार द्वारा कार्यपालक सहायको के प्रति जो रुक रहा है,वह तानाशाही एवं भेदभाव पूर्ण रहा है, इसे रोका नहीं गया तो महासंघ द्वारा इसे व्यापक आंदोलन का रुप दे सकती है।श्री राजन ठाकुर जिला सचिव मधुबनी ने कहा कि कार्यपालक सहायको की मेहनत का नतीजा है कि आज बिहार आईटी क्षेत्र में स्वावलंबी भी हो चुका है। आज कार्यालय में किसी भी प्रकार का पत्राचार रिपोर्ट एवं सरकार के महत्वपूर्ण कार्य कंप्यूटर पर ही निर्भर हो गया है। इसकी सफलता सफलता का श्रेय कार्यपालक सहायको को जाता है। धरना प्रदर्शन में महासचिव नीरज कुमार जिला सचिव राजा ठाकुर, नरेंद्र कुमार, जय प्रकाश यादव, सचिन कुमार प्रशांत कुमार, सुमन कुमार, मनीषा कुमारी,सुचित्रा कुमारी,राम उद्गार राम, अखिलेश कुमार यादव, रंजीत कुमार, गोपाल चंद्र शशि,सुशांत कुमार,रमाशंकर यादव, अजीत कुमार मंडल, वीरेंद्र कुमार आदि वक्ताओं ने संबोधित किया।
