संजय कुमार सुमन
मधेपुरा
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाने वाला भाई-बहनों के अटूट स्नेह का त्योहार भैया दूज संपूर्ण जिले में आज मंगलवार को मनाया गया । आज भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना भी की गई । बहनें अपने भाईयों के उज्ज्वल भविष्य के साथ-साथ उनके दीर्घायु होने की कामना की। दीपावली के बाद यह त्योहार भाई-बहन के बीच के प्रेम को अभिव्यक्त करता है। भैया दूज को यमदूतिया भी कहते हैं। कहा जाता है कि एक बार यमराज अपनी बहन यमुना के घर कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को पहुंचे। यमुना ने उनका खूब सेवा सत्कार किया। यमराज बहुत प्रसन्न हुए। यमुना ने वर मांगा कि जो प्राणी यमुना नदी के जल में स्नान करे वह यमपुरी न जाए। इस पर यमराज चिंतित हो गए। भाई को चिंतित देख यमुना ने कहा कि यह संभव न हो तो यह वरदान दीजिये कि आज के दिन जो भाई अपनी बहन के घर भोजन करे उसकी आयु बढ़ जाए। तभी से यह परंपरा कायम है और भाई इस दिन अपनी बहन के घर जाकर उनके हाथों से बनाया भोजन करते हैं।
इस पर्व पर बहनें भाइयों का मुंह मीठा करा उनके दीर्घायु होने की कामना करतीं हैं। त्योहार को ले मिठाई कारोबारियों में भी उत्साह देखा जा रहा है।
हालांकि, इस त्योहार में अमूमन बहनें अपने हाथों से बना खाना ही भाई को परोसती हैं। लेकिन, उनके हर टेस्ट में मीठा का भी ख्याल रखती हैं। इस बाबत मिठाई दुकानदार संजय कुमार,प्रीतम कुमार,बमबम कुमार ने बताया कि रक्षाबंधन व भाई दूज में मिठाइयों की मांग सबसे ज्यादा होती है। इस कारण उन्हें इस पर्व का भी बेसब्री से इंतजार रहता है। खासतौर पर खोवा व छेना के कई प्रकार के मिठाइयों से दुकानें सजीं हैं। यहां बता दें कि भैया दूज भी हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है।बहनें, भाई के माथे पर रोली का टीका लगाकर उसकी लंबी उम्र की मन्नतें मांगती हैं। वहीं, दूसरी ओर इसी दिन सृष्टि के लेख्यधारी चित्रगुप्त भगवान की पूजा अर्चना कर यश, कीर्ति व समृद्धि की कामना करते हैं। इस मौके पर जिले में कई जगह भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की गई।
