ललन कुमार
शेखपुरा।
जिले वासियों को तत्कालीन जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह द्वारा 28 करोड़ की शहरी जलापूर्ति योजना देकर बड़ी उम्मीद जागा दी थी कि अब शहर के लोंगो को 24 घंटे पेय जल की आपूर्ति होती रहेगी ,लेकिन इसकी ताजा स्थिति यह है कि इस योजना से पीने के पानी के रूप में नाले की पानी की आपूर्ति की जा रही है ।ख़ास कर जिलां मुख्यालय के नगर क्षेत्र के वार्ड नं,15 ,16 में जलापूर्ति पाइप से लगे स्टैंड पोस्टों से नाले का पानी निकलने से पानी भर रहे लोगों में कोहराम मच गया ।वहां मौजूद लोगों में सुनी देवी, बजरंग कुमार ,सलमा खातून समेत अन्य लोंगों ने जानकारी देते हुए कहा कि एक तो नल स्टैंडों में पानी रेगुलर नही आता है ।आता भी है तो उससे नाले के पानी निकलता है ।उस पानी से काफी बदबू आती है ।वे लोग कैसे इस पानी को पी सकते हैं ।कभी कभी तो ऐसा होता है कि कई हप्ता तक पानी की आपूर्ति नही की जाती है ।मोहल्ले वाले पीने के पानी के लिए परेशान हो जाते हैं ।कई बार इसकी शिकायत भी पदाधिकारी से फोन से सूचना देकर की गयी ।यहां तक कि लिखित सुचना भी दी गयी ,लेकिन इस शिकायत पर कोई भी पदाधिकारी ने ध्यान ही नही दिया ।अधिकारी लोग एक दूसरे पर टाल बटोल कर देते हैं ।ये अधिकारी लोग केवल बैठ कर सरकार का दरमाहा लेता है ।उसको तो समझना चाहिए कि नाले का पानी पाइप से आ रहां है तो देखें कहाँ गड़बड़ी है । देखता नही नहीं है ।यों ही छोड़ दिया जाता है । ग्रामीणों ने कहा कि सरकार 28 करोड़ की रूपया खर्च कर 6 जलमीनार बनाए ।ये जलमीनार इसलिए बनाये गए की पानी भंडारित कर शहरों में पानी की आपूर्ति की जायेगी ।कभी शहरों में पानी की किल्लत नही होगी ।लेकिन कभी जलमीनार में पानी भर कर शहरों में पानी की आपूर्ति नही की जाती है ।सीधे पम्प हाउस से पानी की आपूर्ति की जाती है, जिससे घरों के नलों तक पानी पहुंच ही नहीं पाता है ।वहीं लाल बाग़ मोहल्ले के सामाजिक कार्यकर्ता सोनू कुमार ने बताया कि मारवाड़ी धर्मशाला के पास स्थित ट्रांसफॉर्मर के पास पीएचईडी के कर्मचारी ने पाइप की देखभाल के लिए गढ्ढे खोदकर पिछले 15 दिनों से यूँ ही छोड़ दिया है जिसके चलते सैकड़ों गैलन पानी यूँ ही बर्बाद हो जा रहा है । वहीं इस मामले में पीएचईडी के एक्सक्यूटिव इंजीनियर से फोन से संपर्क साधने की कोशिश की गयी लेकिन संपर्क नहीं हो पाने के चलते उनकी कोई प्रतिक्रिया नही मिल सकी ।

