जमशेदपुर।
संयुक्त राष्ट्र के जेनेवा स्थित मुख्यालय में चल रहे 14वें UN Business and Human Rights Forum में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने हिस्सा लिया। यह फोरम 24-26 नवंबर 2025 तक आयोजित हो रहा है। यह सम्मेलन व्यापार और मानवाधिकार के बीच के जटिल द्वंद्व पर गहन बहस का मंच है, जिसमें 50+ देशों से प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
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जादूगुड़ा माइनिंग: विस्थापन और विकिरण का मुद्दा
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने UCIL (Uranium Corporation of India) द्वारा झारखंड के पूर्वी सिहभूम जिले के जादूगोड़ा में पिछले लगभग 60 वर्षों से की जा रही यूरेनियम माइनिंग पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि इस खनन गतिविधि ने संथाल, हो, मुंडा और उरांव जैसी आदिवासी अभियुदायों पर गहरा असर डाला है — उनका विस्थापन हुआ है और विकिरण के खतरनाक प्रभाव अब भी उनकी ज़िंदगियों को प्रभावित कर रहे हैं।
सूचना की आज़ादी पर लगी पाबंदियाँ
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने उन कानूनी बाधाओं की ओर भी इशारा किया जो जानकारी सार्वजनिक होने में बाधा बनती हैं। Official Secrets Act, 1923 के तहत “राष्ट्रीय सुरक्षा” के नाम पर कई जानकारियों पर ताला लगा रहता है, जिससे स्वतंत्र पत्रकारों और शोधकर्ताओं को रोकावट होती है।
इसके अलावा, RTI Act, 2005 भी पूरी तरह सहायक साबित नहीं होता है क्योंकि परमाणु और खनन से जुड़ी खुफिया जानकारी अक्सर इसके दायरे से बाहर रखी जाती है।
राज्य सरकारों की भूमिका सीमित
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने यह भी कहा कि भारत के परमाणु ऊर्जा अधिनियम के कारण राज्य सरकारों को परमाणु गतिविधियों में भागीदारी या संचालन का अधिकार नहीं है। केंद्र सरकार और उसके निगमों के पास ही यह शक्ति सीमित है, जबकि राज्य सरकारों की भूमिका केवल भूमि अधिग्रहण तक ही सीमित रहती है।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकारों को अधिक अधिकार मिले, ताकि आदिवासी जमीन और उनके अधिकारों की बेहतर सुरक्षा हो सके।
संयुक्त राष्ट्र पर दबाव, अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की जरूरत
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने अंतरराष्ट्रीय मंचों जैसे संयुक्त राष्ट्र से अपील की है कि वे इस मौलिक मानवाधिकार मुद्दे पर केंद्र सरकार के साथ मिलकर गंभीरता से सौदा करें और जादूगुड़ा के आदिवासी समुदायों की आवाज़ को सुनें।
मुलाकात UN प्रमुख से
इस अवसर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने UN Working Group on Business and Human Rights की अध्यक्ष पचामोन योफानथोंग से भी मुलाकात की। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके प्रस्ताव को इस फोरम के मसौदे में शामिल किया जाएगा और जादूगुड़ा सम्बन्धी चिंताओं को भविष्य की गाइडलाइंस में जगह मिलेगी।


