जमशेदपुर : टाटा स्टील की 100 प्रतिशत सब्सिडियरी कंपनी टाटा स्टील UISL के प्रबंध निदेशक (एमडी) ऋतुराज सिन्हा का रविवार को अचानक निधन हो गया। वे लगभग 55 वर्ष के थे। सुबह अपने आवास पर रहते हुए अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और खून की उल्टी आने लगी। परिजनों व सहयोगियों ने तुरंत उन्हें टाटा मुख्य अस्पताल (TMH) पहुँचाया, जहाँ डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके निधन की खबर से पूरे कॉरपोरेट जगत में शोक की लहर फैल गई।
मृदुभाषी और मिलनसार व्यक्तित्व के थे धनी
ऋतुराज सिन्हा अपने शांत स्वभाव, सरल व्यवहार और मिलनसार व्यक्तित्व के लिए जाने जाते थे। टाटा स्टील प्रबंधन ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए कहा कि वे संगठन के लिए एक प्रेरणादायक और प्रभावशाली नेतृत्वकर्ता रहे हैं। सहकर्मियों के अनुसार वे हमेशा टीम भावना, संवाद और पारदर्शिता को प्राथमिकता देते थे।
नागरिक सुविधाओं और विकास परियोजनाओं में अहम भूमिका
टाटा स्टील और उसकी विभिन्न इकाइयों में अपने कार्यकाल के दौरान सिन्हा ने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ निभाईं। जमशेदपुर में नागरिक सुविधाओं के उन्नयन, नई पहलों और आधुनिक परियोजनाओं को लागू करने में उनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। शहर के बुनियादी ढांचे, शहरी सेवाओं और विकास योजनाओं में उन्होंने उल्लेखनीय भूमिका निभाई थी।
कॉरपोरेट, यूनियन और राजनीतिक जगत में शोक की लहर
उनके अचानक निधन की सूचना मिलते ही टाटा स्टील के अधिकारी, टाटा वर्कर्स यूनियन और टाटा स्टील यूटिलिटीज यूनियन के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में TMH पहुँचे। सबने इसे उद्योग जगत और जमशेदपुर के लिए बड़ी क्षति बताया।
जमशेदपुर (पश्चिम) के विधायक सरयू राय ने कहा—
“उनके न रहने से जमशेदपुर की जनसुविधा सुधार के प्रयासों को धक्का लगा है। वे एक कुशल प्रबंधक और शहर के विकास के पर्याय थे। ॐ शांति।”वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा—
“पूरे उद्योग जगत के लिए यह अपूरणीय क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें।”वही भाजपा नेता अभय सिंह ने कहा कि जुस्को के एम डी श्री ऋतुराज सिन्हा जी के निधन का दुखद समाचार मिला । जो अत्यंत एक पीड़ादायक है वे मिलनसार, मृदभाषी थे और किसी भी समस्या को निदान कैसे हो ध्यानपुर्वक सुनकर बातों को अमल में लाने के प्रति कर्तव्य का बोध समझते थे
जब वे एक छोटे अधिकारी के रूप में जुस्को में ज्वाइन किए थे तब से आज तक का एक लंबा संबंध मित्रता के रूप में बन चुका था
सामाजिक कार्यों के प्रति उनका एक संवेदनशीलता थी
कुछ दिनों पहले जब उनके गंभीर बीमारी का पता चला तो हमने उनके वॉट्सएप में कुशल मंगला की कामना की तो उन्होंने उसका जवाब भी दिए
भगवान कम समय में ही उनको अपने चरणों में जगह दी
भगवान से प्रार्थना है उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे यही प्रार्थना करते है

